डेढ़ साल बाद भी पीड़िता को नहीं मिला न्याय
खोरीमहुआ (गिरिडीह) छेड़छाड़ की शिकार बेको की एक महिला को डेढ़ वर्ष बाद भी न्याय
खोरीमहुआ (गिरिडीह) : छेड़छाड़ की शिकार बेको की एक महिला को डेढ़ वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिल सका है। ऐसा नहीं कि पीड़िता ने इसकी फरियाद किसी से नहीं की थी। धनवार थाना में आवेदन देने के साथ-साथ एसपी, डीएसपी से भी वह फरियाद कर चुकी है। विडंबना कहें या पुलिस कर्मियों की अनदेखी कि घटना के डेढ़ वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक उसे न्याय नहीं मिल सका है। दलित पीड़िता आज भी उस घटना को याद कर सिसक उठती है। कहती है कि वर्ष 2019 के आखिरी माह की उस काली रात को वह कभी नहीं भूल सकती, लेकिन न्याय नहीं मिलने से हमेशा वह सदमे में रहती है। आरोपित भी अब उसे यह कहकर ताने मारने लगे हैं कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पुलिस से भी अब उसका रिश्ता अच्छा बन गया है। दैनिक जागरण से अपनी बीती यादें साझा करते हुए पीड़िता ने कहा कि सात दिसंबर 2019 की रात वह अपने बच्चों साथ एलबेस्टरनुमा मकान के आंगन में सोई थी। करीब दस बजे रात गांव के ही तीस वर्षीय लालू यादव घर में घुस गया। उसके साथ में सो रहे बच्चे को दूसरे कमरे में बंद कर उसके साथ जोर जबरदस्ती करने लगा। हो- हल्ला करने पर गांव के लोग जुटे तो उसकी इज्जत आबरू बची थी। भागने के क्रम में युवक का एक पैर भी टूट गया था। ग्रामीण इसके गवाह भी हैं। पीड़िता ने बताया कि धनवार थाना में आवेदन देने के बाद तीन बार दारोगा जी उसके घर पूछताछ के लिए आए थे। पूछताछ के क्रम में वह घटना को लेकर दो बार बयान भी दे चुकी है। बावजूद आज तक आरोपित से पुलिस ने न पूछताछ की है और न ही उसे गिरफ्तार करने का कभी प्रयास किया है। कहती है कि अब आरोपित उसे जातिसूचक गाली गलौज कर यातनाएं भी देने लगा है। इस बाबत थाना प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि मामले की उन्हें जानकारी नहीं है। महिला भी कभी उनसे नहीं मिली है। केस के अनुसंधानकर्ता से मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता सकते हैं कि मामले की सच्चाई क्या है।