आडिट में मनरेगा योजनाओं में पकड़ी गईं गड़बड़ियां

संसबगोदर (गिरिडीह) प्रखंड की दो पंचायतों में मनरेगा योजनाओं में भारी अनियमितता का मामला स

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 12:30 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 01:10 AM (IST)
आडिट में मनरेगा योजनाओं में पकड़ी गईं गड़बड़ियां
आडिट में मनरेगा योजनाओं में पकड़ी गईं गड़बड़ियां

संस,बगोदर (गिरिडीह): प्रखंड की दो पंचायतों में मनरेगा योजनाओं में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है। इसका खुलासा मनरेगा योजनाओं के सामाजिक अंकेक्षण में हुआ है। सामाजिक अंकेक्षण की टीम प्रखंड कीबेको पश्चिमी व पूर्वी पंचायत गई। अंकेक्षण के सदस्य बीआरपी रामसेवक यादव ने कहा कि झारखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग के तहत समवर्ती सामाजिक अंकेक्षण 2021-22 के अनुसार बेको पश्चिमी व पूर्वी पंचायत की मनरेगा योजनाओं का अंकेक्षण किया गया। इस क्रम में उनमें अनियमितता पाई गई। इसमें जल संचयन को लेकर टीसीबी की तीन योजनाओं को बिना स्वीकृति के ही जेसीबी से बेको पश्चिमी पंचायत के कारीपहरी में कार्यान्वित कर दिया गया। स्थानीय लोगों एवं एजेंसी के योजनाओं के बार में पूछने पर ठेकेदार ने बताने से इन्कार कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि पहले योजनाओं में जेसीबी से कार्य कराने के बाद उसे स्वीकृत किया गया है। कहा कि एक भी योजना में सूचना पट नहीं पाया गया। इससे योजनाओं की परदर्शिता का पता नहीं चलता है। वहीं बेको पूर्वी में 30 मजदूरों को कार्यस्थल पर पाया गया। इन सभी योजनाओं में मास्टर रोल में नाम नहीं पाया गया। सारी लापरवाही कार्यकारी एजेंसी ने की है। सोशल आडिट में रवि कुमार शामिल थे।

पुराने तालाब को नया बनाकर 3.50 लाख की निकासी

बेंगाबाद ( गिरिडीह ) : जरूवाडीह पंचायत के सलैया गांव में एक व्यक्ति की जमीन में बना पुराने तालाब को नया रूप देकर लाखों रुपये की सरकारी राशि गबन करने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों ने उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों को आवेदन देकर मामले की जांच व शेष बची राशि की निकासी पर रोक लगाने की मांग की है। आवेदन में कहा है कि पिया देवी की जमीन में पूर्व से तालाब बना था। उसी स्थान पर फिर से मनरेगा के तहत तालाब निर्माण की स्वीकृति दिलाई। इसकी प्राक्कलित राशि चार लाख 71 हजार 921 रुपये है। पुराने तालाब में ही थोड़ा बहुत कार्य कराकर योजना में तीन लाख 44 हजार 25 रुपये की अवैध निकासी कर ली गई है। इधर कनीय अभियंता नीरज कुमार ने बताया कि जिस स्थान में तालाब निर्माण हुआ है वहां तालाब नहीं था। लेकिन गड्ढा का रूप था। योजना में कार्य हुआ है।

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