बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी, संरक्षण की नहीं हो रही पहल

बनियाडीह जल की एक-एक बूंद मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जल है तो कल है। इसे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:01 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:01 PM (IST)
बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी, संरक्षण की नहीं हो रही पहल
बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी, संरक्षण की नहीं हो रही पहल

बनियाडीह : जल की एक-एक बूंद मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जल है तो कल है। इसे सहेज कर रखना हम सभी का कर्तव्य है। बरसात के दिनों में लाखों लीटर जल बर्बाद हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए लोगों को आंदोलन के रूप में काम करना होगा। सदर प्रखंड अंतर्गत बरमोरिया पंचायत के ग्राम चमरखो टोला चपरगोरा आदिवासी बहुल क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए सरकार की ओर से कोई काम नहीं किया गया हैं। पूर्व में बनाया गया तालाब मैदान में तब्दील होता जा रहा है। तालाब एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहा है। रख रखाव के अभाव में यह खेत बनता जा रहा है। इसकी गहराई नहीं होने से उसमें सिर्फ बरसात के दिनों में पानी रहता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तालाब को गहरा कराने की मांग की है। तभी यहां बरसात में जल संरक्षण कर पानी को बचाया जा सकता है।

हमलोगों को एक-एक बूंद जल को बचाकर रखना होगा। बरमोरिया पंचायत में जल संरक्षण की दिशा में किसी का ध्यान नहीं हैं। बरसात में जल बह रहा है तो बहने दो। जल संरक्षण कर हम इसका लाभ सालों भर ले सकते हैं। बशर्ते इस जल को बचा कर रखना होगा। इस दिशा में सभी को कार्य करना होगा।

गोपिन टुडू, ग्रामीण, चपरगोरा

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प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर हम जल संकट से जूझ रहे हैं। कई तालाब व कुएं सूख रहे हैं। इसका जिम्मेदार हम खुद हैं। पिछले एक दशक से ठीक से बारिश नहीं हो रही है। बारिश हो भी रही है तो इसका जल संरक्षण नहीं कर पाते हैं। जल ही जीवन है। इसे बचाकर रखना जरूरी है।

रसीक हेंब्रम, ग्रामीण, चपरगोरा

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तालाब मैदान में तब्दील हो रहा है। तालाब को बचाने में राज्य सरकार को तेज गति से कार्य करना चाहिए। तभी हम जल संरक्षण कर सकते हैं। बरसात में बहता हुआ जल को तालाब में सहेज कर रख सकते हैं। जल संरक्षण नहीं होने से इसका ताजा उदाहरण आज नदी, तालाब व कुएं का जलस्तर तेजी से नीचे चला जा रहा है। धरती पर जल संकट होने लगा है। गर्मी में लोगों को पानी के लिए दूर-दूर भटकना पड़ रहा है।

अरुण हांसदा, ग्रामीण, चपरगोरा

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आज लोगों को भीषण जल संकट से जूझना पड़ रहा है। जल है तो हम हैं। इसलिए बरसात के दिनों में हमें उपाय करना चाहिए कि बारिश के जल को कैसे बचाया जा सके। सदर प्रखंड की खाखो नदी में जल संरक्षण के लिए कोई कार्य नहीं हुआ है। यही वजह है कि हर साल लाखों गैलन पानी नदी में बह जाता है।

लखन सोरेन, ग्रामीण, चपरगोरा

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