शहरी क्षेत्र में मकान-जमीन का निबंधन हुआ महंगा

जागरण संवाददाता गिरिडीह गिरिडीह शहर अब जमीन और मकान की कीमत महानगरों को टक्कर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:55 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:55 PM (IST)
शहरी क्षेत्र में मकान-जमीन का निबंधन हुआ महंगा
शहरी क्षेत्र में मकान-जमीन का निबंधन हुआ महंगा

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : गिरिडीह शहर अब जमीन और मकान की कीमत महानगरों को टक्कर देने लगी है। शहर के वार्ड नंबर 17 में एक डिसमिल जमीन की सरकारी कीमत 30 लाख 33 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसके लिए किसी भी व्यक्ति को इस वार्ड में एक डिसमिल जमीन निबंधन कराने में दो लाख दस हजार से अधिक रुपये का स्टांप और फीस देना होगा। यह बढ़ी हुई कीमत सोमवार से लागू हो गई है। सरकार ने राज्य में जमीन और निबंधन शुल्क में दस फीसद की बढ़ोतरी की है, जो एक अगस्त से से लागू हो गई है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। जमीन रजिस्ट्री की बढ़ी कीमतों के बाद गिरिडीह में सोमवार को एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई। यह बढ़ी कीमत सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लिए है। ग्रामीण क्षेत्र में सरकार ने जमीन खरीद-बिक्री की पुरानी सरकारी दर बरकरार रखी है।

-मकान की कीमत 2580 रुपये प्रति स्क्वायर फीट निर्धारित : राज्य सरकार ने जमीन के साथ मकान की खरीद में भी रजिस्ट्री चार्ज में व्यापक बढ़ोतरी की है। वार्ड नंबर 17 में आवासीय मकान की रजिस्ट्री की कीमत 2580 रुपये प्रति स्क्वायर फीट निर्धारित की गई है। वहीं कामर्शियल भवन की रजिस्ट्री कराने में 2855 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से फीस देना होगा। वहीं नगर निगम के अन्य वार्डो में जमीन और मकान की रजिस्ट्री कराने में भी 10 फीसद राशि अतिरिक्त देनी होगी। -वार्ड नंबर दो सबसे सस्ता : गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र में कई नए गांव और मोहल्लों को शामिल किया गया था। कई मोहल्लों में जमीन और मकान की कीमत सरकार ने कम निर्धारित की है। इनमें वार्ड नंबर दो में जमीन और मकान खरीदना सामान्य वर्ग के बजट में ही रखा गया है। इस बारे में जमीन रजिस्ट्री के जानकार अधिवक्ता टीपी बक्शी ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में जमीन और मकान की सरकारी कीमत अप्रत्याशित रूप से बढ़ाई गई है। गिरिडीह जैसे छोटे शहर में यहां की जनता पर दबाव बढ़ेगा। अब जमीन की रजिस्ट्री कराना सामान्य वर्ग के लिए कठिन होगा।

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