मां की आराधना में लीन हुए श्रद्धालु, माहौल हुआ भक्तिमय

गिरिडीह शारदीय नवरात्र की शुरुआत गुरुवार को कलश स्थापना के साथ हो गई। श्रद्धालुओं ने घ्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 08:28 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 08:28 PM (IST)
मां की आराधना में लीन हुए श्रद्धालु, माहौल हुआ भक्तिमय
मां की आराधना में लीन हुए श्रद्धालु, माहौल हुआ भक्तिमय

गिरिडीह : शारदीय नवरात्र की शुरुआत गुरुवार को कलश स्थापना के साथ हो गई। श्रद्धालुओं ने घरों और दुर्गा मंदिरों में कलश की स्थापना कर पूजा-अर्चना शुरू की। पहले दिन माता शैल पुत्री की पूजा-आराधना हुई। पूरे जिला में भक्ति का माहौल बन गया है। शहर के अरगाघाट, शास्त्री नगर, बरमसिया, गांधी चौक आदि जगहों के दुर्गा मंडपों में माता की पूजा-अर्चना प्रारंभ हुई।

गायत्री शक्तिपीठ गिरिडीह में मंगल कलश की स्थापना की गई। गायत्री शक्तिपीठ में दोनों नवरात्र के अवसर पर नौ दिवसीय लघु अनुष्ठान किया जाता है। मौके पर कामेश्वर सिंह, दर्शन पंडित, भागीरथ प्रसाद सिंह, नरेश प्रसाद यादव, प्रकाश मंडल, महेंद्र शर्मा आदि थे।

बगोदर : बेको, अटका, बालक और औंरा में शारदीय नवरात्र शुरू हो गया। पहले दिन श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री की पूजा की। मां दुर्गा ने पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूम में जन्म लिया था। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर पर हुआ था। इसलिए इन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है।

खोरीमहुआ : श्री श्री दुर्गापूजा महासमिति राजधनवार की ओर से कलश यात्रा निकाली गई। इसमें राजधनवार सार्वजनिक दुर्गा मंडप प्रांगण से निकलते हुए बाजार का भ्रमण कर राजघाट राजा नदी पहुंची, जहां भक्त कलश में जल भरकर पुन: दुर्गा मंडप पहुंचे, जहां पंडित उपेंद्र शास्त्री तथा धर्मेद्र शास्त्री की ओर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापित किया गया। मौके पर किशोरी लाल चौरसिया, पूजा समिति अध्यक्ष दीपक कुमार, उपाध्यक्ष महेंद्र स्वर्णकार, सचिव रौशन सुमन आदि थे।

तिसरी : दुर्गा मंडप से पूजा समिति के अध्यक्ष किशोरी साव के नेतृत्व में कलश यात्रा निकाली गई। कन्याएं व महिलाएं 108 कलश को लेकर तिसरी तालाब पहुंचीं। वहां जल भरकर पुन: मंडप पहुंचीं। मौके पर मनोज पांडेय, प्रदीप पांडेय, प्रेम अग्रवाल, मुरली बरनवाल, बिनोद बरनवाल, राहुल यादव, विकास कुमार, मुन्ना बरनवाल, प्रकाश विश्वकर्मा, मुकेश पंडित, विनय मिश्रा, सुनील दास आदि थे।

डुमरी : प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंडपों में सादगीपूर्ण वातावरण में शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई। पहले दिन मां दुर्गे की पहले रूप माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से की गई। वनांचल चौक समीप स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंडप में पूजन अनुष्ठान करा रहे मंटू पांडेय ने बताया कि 13 अक्टूबर को महाअष्टमी व 14 अक्टूबर को नवमी की पूजा एवं हवन के साथ नवरात्र का समापन होगा। मंदिर समिति के संरक्षक प्रशांत जायसवाल ने नवरात्र के दौरान अखंड ज्योत का संकल्प किया है। समिति के राजेंद्र जायसवाल, प्रकाशचंद मेहता, अखिलेश राणा, वीरेंद्र कुमार सिन्हा, मिथुन जायसवाल, आशीष अग्रवाल, शंकर ठाकुर, रामचंद्र मंडल, जगरनाथ ठाकुर आदि ने बताया कि कोविड-19 को लेकर सादगीपूर्ण तरीके से पूजा संपन्न कराई जा रही है। श्री श्री दुर्गापूजा समिति लक्ष्मणटुंडा, तेलियाटुंडा व नाथडीह की ओर से कलश यात्रा निकाली गई।

देवरी : फतेपुर, मनकडीहा, तेतरिया, घोरंजी, ढेंगाडीह, रानीडीह, मनिकबाद, किसगो, सिकरुडीह, खसलोडीह स्थित दुर्गा मंदिरों में कलश स्थापना के साथ मां दुर्गे की आराधना शुरू की गई।

गांडेय : रकसकुटो काली मंदिर में कलश स्थापन को लेकर कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा रकसकुटो गांव से शुरू होकर एक किलोमीटर दूर कन्हायडीह नदी पहुंची। नदी में मंदिर के मुख्य पुरोहित गोविद पांडेय ने जल को शुद्धीकरण कराया। बाद में श्रद्धालु कलश में जल लेकर मंदिर परिसर पहुंचे। मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश की स्थापना की गई।

झारखंडधाम : क्षेत्र के दुर्गा मंदिरों में शैलपुत्री की पूजा आराधना की जा रही है। पूजा के दौरान लोगों ने मंदिरों में बकरे की बली दी। महिलाओं ने मां को रिझाने के लिए मंगल गीत गाए। पूजा का दौर सुबह से दोपहर तक चला। मुरखारी, झारखंडी, तारा, रेम्बा, कठवारा, चुंगलो, परसन सहित विभिन्न स्थानों पर पूजा की जा रही है।

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