गिरिडीह में सफल रही संयुक्त मोर्चा की हड़ताल
कोल सेक्टर में तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आखिरी दिन शनिवार को गिरिडीह एरिया में सफल रही । संयुक्त मोर्चा में शामिल ट्रेड यूनियनों की ओर से प्रदर्शन कर हड़ताल सफल करने की अपील की गई जिसका खासा असर दिखा और हड़ताल को आशातीत सफलता मिली। तीसरे दिन भी सीसीएल गिरिडीह एरिया के अधिकांश मजदूर हड़ताल पर रहे।
संस, बनियाडीह (गिरिडीह) : कोल सेक्टर में तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल आखिरी दिन शनिवार को गिरिडीह एरिया में सफल रही। संयुक्त मोर्चा में शामिल ट्रेड यूनियनों की ओर से प्रदर्शन कर हड़ताल सफल करने की अपील की गई थी, जिसका खासा असर दिखा और हड़ताल को आशातीत सफलता मिली। तीसरे दिन भी सीसीएल गिरिडीह एरिया के अधिकांश मजदूर हड़ताल पर रहे। वहीं कुछ मजदूरों ने भ्रम में आकर उपस्थिति दर्ज करा जरूर ली थी, लेकिन यूनियन नेताओं के समझाने पर उन्होंने अपनी हाजिरी कटवाते हुए हड़ताल में शामिल होने की घोषणा कर दी। ऐसा विशेषकर ओपनकास्ट माइंस, कबरीबाद, एकाउंट ऑफिस व वर्कशॉप में देखा गया। दोबारा हाजिरी कटाने वाले मजदूरों का आंदोलनकारियों ने ताली बजाकर स्वागत भी किया और कहा कि इस मामले में प्रबंधन तथा कतिपय दलाल नेताओं की साजिश नाकाम हो गई है।
यूनियन नेताओं ने कहा कि एफडीआइ और कॉमर्शियल माइनिग देश हित में नहीं है। सरकार मजदूरों तथा देश के हित से समझौता कर कंपनियों को फायदा पहुंचाने की जुगत में है। हड़ताल की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि मोदी सरकार जिस रास्ते पर चल रही है उससे देश की जनता और मजदूर वर्ग नाखुश है। हड़ताल को सफल बनाने में कोल माइंस वर्कर्स यूनियन के राजेश कुमार यादव, राजेश सिन्हा, पप्पू खान, आरसीएमएस के एनपी सिंह बूल्लू, झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के तेजलाल मंडल, शोभा यादव, प्रमिला मेहरा, चुड़का हांसदा, बलराम यादव व प्रदीप दाराद, यूसीडब्ल्यूयू के देवशंकर मिश्र, जीवलाल बेलदार, सीएमयू के शिवाजी सिंह, इंटक ददई गुट के ऋषिकेश मिश्र आदि की उल्लेखनीय भूमिका रही। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, कांग्रेस नेता नरेंद्र सिन्हा छोटन आदि भी मजदूरों का उत्साह बढ़ाने के लिए मौजूद थे।
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इनसेट
60 लाख का नुकसान
गिरिडीह सीसीएल एरिया में संयुक्त मोर्चा की आहूत तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल से जहां एरिया के विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत सीसीएल के मजदूर व कर्मचारी हड़ताल पर रहे तो वहीं सभी प्रतिष्ठानों में कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा। इतना ही नहीं ओपेनकास्ट माइंस से कोयला उत्पादन, ओबी हटाने का कार्य व कोयले की ट्रांसपोर्टिंग पूरी तरह से बाधित रही। कहा कि कबरीबाद माइंस से ओबी हटाने का कार्य भी प्रभावित हुआ। साथ ही सीपी साइडिग से रेलमार्ग से होनेवाली कोयले की ट्रांसपोर्टिंग भी बंद रही। इससे एरिया को लगभग 60 लाख का नुकसान हुआ। यह जानाकारी सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार ने दी। कहा कि यह एरिया वर्तमान में 160 करोड़ के घाटे में चल रहा है। तीन दिवसीय हड़ताल से घाटे में और इजाफा हुआ है।