झामुमो अब नहीं रही आदिवासियों की पार्टी

बेंगाबाद (गिरिडीह) भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष रंजीत मरांडी ने कहा कि अब झ्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:00 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:00 PM (IST)
झामुमो अब नहीं रही आदिवासियों की पार्टी
झामुमो अब नहीं रही आदिवासियों की पार्टी

बेंगाबाद (गिरिडीह) : भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष रंजीत मरांडी ने कहा कि अब झामुमो आदिवासियों की पार्टी नहीं रही। इस बात को भी आदिवासी समाज के लोग समझ गए हैं। इसलिए यह समाज चुनाव में केवल तीर धनुष का चिह्न देखकर ही वोट नहीं देता है बल्कि वोट डालने के पहले मंथन करता है। उक्त बातें उन्होंने शुक्रवार को मधुपुर विधानसभा से चुनाव प्रचार कर लौटने के बाद बेंगाबाद में पत्रकारों से कही। कहा कि झामुमो ने आदिवासियों का केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। मधुपुर विधानसभा से हफीजुल के पिता न केवल झामुमो के विधायक थे बल्कि मंत्री भी थे, लेकिन वहां के आदिवासी गांवों की सड़कों का हाल देखा जाए तो पता चल जाएगा कि झामुमो आदिवासियों की पार्टी है या नहीं। हाजी हुसैन के निधन पर उनके बेटे हफीजुल को न केवल टिकट दिया गया बल्कि टिकट देने के पहले मंत्री बना दिया गया। झामुमो के पूर्व विधायक सालखन सोरेन झामुमो के कद्दावर नेता के साथ शिबू सोरेन के करीबी रहे थे। इसके बाद भी उनके निधन के बाद उनके बेटे या बहू को टिकट नहीं मिला। मधुपुर का उपचुनाव राज्य की भावी राजनीति तय करेगा। चुनाव परिणाम से यह भ्रम टूटेगा कि आदिवासी केवल झामुमो के वोट बैंक हैं।

chat bot
आपका साथी