चापाकल मरम्मत की धीमी प्रगति से पेयजल संकट गहराया
गांडेय (गिरिडीह) वैश्विक महामारी कोरोना का असर सभी तरह के कार्यों पर पड़ रहा है।
गांडेय (गिरिडीह) : वैश्विक महामारी कोरोना का असर सभी तरह के कार्यों पर पड़ रहा है। गांडेय प्रखंड में पीएचईडी की ओर से चापाकल मरम्मत के कार्य पर भी कोरोना का असर साफ दिख रहा है। आधी गर्मी बीत जाने के बाद भी विभाग की ओर से प्रखंड के सभी खराब चापाकलों की मरम्मत नहीं कराई गई है। इस कारण लोगों को नित्य प्रतिदिन पेयजल की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। विभाग शिकायत मिलने के बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं कर पा रहा है। कोरोना महामारी का हवाला देकर कार्य में धीमी प्रगति की बात कह रहा है। जिला प्रशासन ने युद्धस्तर पर खराब चापाकलों की मरम्मत का निर्देश दिया है पर अधिकारियों के निर्देश का गांडेय में कोई अनुपालन नहीं हो रहा है। बता दें कि गांडेय प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में लगभग 200 चापाकल खराब स्थिति में हैं। विभाग के पास खराब चापाकलों की सूची है। जिला प्रशासन के निर्देश पर पीएचईडी की ओर से चापाकल की मरम्मत भी शुरू हुई परंतु कम मिस्त्री, मजदूर व संसाधनों के अभाव में कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक लगभग 80 चापाकलों की ही मरम्मत हो पाई है। विभाग ने कभी कोविड महामारी तो कभी संसाधन का रोना रोकर मरम्मत कार्य बंद कर रखा है। इससे आमजनों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। विभाग से आस टूटने पर कई गांववाले खुद चंदा इकट्ठा कर खराब चापाकल की मरम्मत करा रहे हैं। गांडेय के पीएचईडी के कनीय अभियंता बबलू हांसदा ने बताया कि विभाग की ओर से चापाकल मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। बीच में कोविड महामारी के कारण कुछ मजदूर बीमार हो गए थे। साथ ही वे गांव गांव जाना नहीं चाह रहे थे। इस कारण कार्य प्रभावित हुआ है। अब पुन: मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाएगा। सीमित मिस्त्री व मजदूर से यथासंभव मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।