नगर निगम की कारस्तानी, घुटन में कट रही जिंदगानी

बड़े भू-भाग में लगा कचरों का अंबार गंदगी से फैलती दुर्गंध। ऐसी जगह से शायद आप गुजरना भी पसंद नहीं करेंगे। अगर बहुत जरूरी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 11:30 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 11:30 PM (IST)
नगर निगम की कारस्तानी, घुटन में कट रही जिंदगानी
नगर निगम की कारस्तानी, घुटन में कट रही जिंदगानी

गिरिडीह : बड़े भू-भाग में लगा कचरों का अंबार, गंदगी से फैलती दुर्गंध। ऐसी जगह से शायद आप गुजरना भी पसंद नहीं करेंगे। अगर बहुत जरूरी हो तो उस रास्ते से गुजरते समय आप नाक पर रूमाल अवश्य रख लेंगे, लेकिन शहर के झिझरी मोहल्ला में रहने वाले सैकड़ों लोगों को इसी घुटन भरे माहौल में दिनरात गुजारने को विवश होना पड़ रहा है। यह मेहरबानी है नगर परिषद (अब नगर निगम) की। नगर निगम ने धोखे से मोहल्लेवासियों का जीवन नारकीय बना दिया है। लोगों का इस माहौल में जीना दूभर हो रहा है, लेकिन गरीबी और लाचारी के कारण लोग यहां रहने को विवश हो रहे हैं। गंदगी और बदबू के साथ-साथ मोहल्लेवासियों को बीमारियों की सौगात भी मुफ्त में मिल रही है।

ट्रांसपोर्ट नगर कहा बना दिया कचरें का डंपयार्ड : बता दें कि बस पड़ाव से सटे झिझरी मोहल्ला के पास एक बड़े भू-भाग की घेराबंदी नगर निगम ने कुछ वर्ष पूर्व की थी। ऊंची दीवारों के बीच एक बड़ा से गेट भी लगा दिया। इसमें ट्रांसपोर्ट नगर लिखा है। दूर से देखने पर हर कोई कह सकता है कि चारदीवारी के अंदर वाहनों को रखने की जगह है, लेकिन नजदीक जाने पर सारा माजरा समझ में आ जाता है। इसी के साथ मोहल्लेवासियों के साथ नगर निगम में किस कदर धोखा किया है, इसकी भी पोल खुल जाती है। दरअसल, उक्त स्थल की घेराबंदी के समय कोई विरोध नहीं जताए, इसके लिए लोगों से कहा गया था कि यहां ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जा रहा है, लेकिन बाद में यहां शहर के कचरे को डंप किया जाने लगा। निगम की इस धोखेबाजी को लेकर मोहल्लेवासियों में आक्रोश पनप रहा है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है।

पास ही में है सीआरपीएफ कैंप, अटल क्लिनिक भी : बता दें कि डंप यार्ड के नजदीक ही सीआरपीएफ का कैंप है। डंप यार्ड की चारदीवारी से सटे अटल क्लिनिक का संचालन भी हाल में शुरू किया गया है। इसके अलावा ऑफिसर्स कॉलोनी भी नजदीक ही है, जहां कई प्रशासनिक, पुलिस और न्यायिक पदाधिकारियों व कर्मियों के आवास हैं। इसके बाद भी उक्त स्थल पर पूरे शहर के कचरे को डंप करना और इसका किसी भी स्तर से कोई विरोध नहीं होना समझ से परे है।

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