बेकार पड़ा करोड़ों की लागत से बना अस्पताल
हीरोडीह जमुआ प्रखंड अंतर्गत शिबूडीह में करोड़ों की लागत से बना 51 बेड वाला अस्पताल बदह
हीरोडीह : जमुआ प्रखंड अंतर्गत शिबूडीह में करोड़ों की लागत से बना 51 बेड वाला अस्पताल बदहाल है। वर्ष 2015 में इस अस्पताल का शिलान्यास विधायक केदार हाजरा ने किया था। तब स्थानीय सहित लगभग 10 किलोमीटर क्षेत्र की जनता के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब इलाज के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा और आपातकालीन मरीजों को प्राथमिक उपचार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, लेकिन लोगों की उम्मीद आज तक पूरी नहीं हो पाई है। अस्पताल में अब तक चिकित्सक की व्यवस्था नहीं की गई है। आलम यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शराबियों, जुआड़ियों का अड्डा बना हुआ।
दरवाजों की हो चुकी है चोरी :
ग्रामीणों की मानें तो शाम में शराबियों का मजमा लगा रहता है। शराबी कई कमरों के दरवाजा को उखाड़ कर ले गए हैं। साथ ही अस्पताल में लगे टाइल्स तथा खिड़कियों में लगे शीशे को भी नहीं बख्शा है। पूरी तरह से अस्पताल में लगे सामग्री को भी तोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया है।
..तो संक्रमितों की बच सकती है जान : कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड की व्यवस्था नहीं होने के कारण इलाज के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं, तो बेड के लिए शिबूडीह अस्पताल दम तोड़ रहा है।
अस्पताल में लगा गंदगी का अंबार : पूरे अस्पताल में गंदगी का अंबार लग गया है। स्थानीय लोग इसमें जलावन, बिचाली तथा जलावन के लिए सूखे पत्ते को रख रहे हैं।
आज तक नहीं पहुंचे हैं कोई अधिकारी : अस्पताल को चालू करने की बात तो दूर, इसे आज तक कोई पदाधिकारी देखने तक नहीं पहुंचे हैं। इसकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है।
शिबूडीह में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास के समय से ही क्षेत्र के लोगों में खुशी थी, लेकिन वर्षो बाद भी इसे चालू नहीं करने से लोगों में नाराजगी है।
अमित राम, ग्रामीण
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अस्पताल को चालू नहीं करने से ग्रामीणों में नाराजगी है। अस्पताल में हमेशा जुआड़ियों तथा शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। पदाधिकारियों की लापरवाही से अराजक तत्वों का मनोबल बढ़ा हुआ है। मोहन यादव, ग्रामीण
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इस अस्पताल को अतिशीघ्र चालू करने के लिए संबंधित विभाग तथा पदधिकारियों को पहल करने की जरूरत है। इसमें कोविड सेंटर बनाने की मांग करता हूं, ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों का समुचित इलाज हो सके।
राजन सिन्हा, ग्रामीण