इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न कोई संसाधन

सरिया सरिया प्रखंड और अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है खेसकरी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:07 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:07 PM (IST)
इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न कोई संसाधन
इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न कोई संसाधन

सरिया : सरिया प्रखंड और अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है खेसकरी प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र, जिसका निर्माण स्वास्थ्य विभाग ने लगभग 40 वर्ष पूर्व कराया था। इस उप केंद्र पर मोकामो और कैलाटांड़ पंचायत की लगभग 15 हजार आबादी को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का जिम्मा है, लेकिन बीते दो दशक से भी अधिक समय से इस केंद्र का संचालन मात्र एक एएनएम के सहारे किया जा रहा है। विभाग ने इस केंद्र का भवन तो बना दिया है, लेकिन एक केंद्र में मिलने वाले संसाधनों का घोर अभाव है। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 40 वर्ष पूर्व खेसकरी प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के समय पांच पदों का सृजन किया गया था, जिसमें एक एमबीबीएस डॉक्टर, एक मलेरिया डॉक्टर, एक एएनएम, एक ड्रेसर और एक कंपाउंडर का पद था। विभाग ने इन सभी पदों पर नियुक्ति भी की थी। इन कर्मियों के स्थानांतरण या सेवानिवृत्त होने के बाद विभाग ने पुन: यहां कोई डॉक्टर या अन्य कर्मियों को पदस्थापित नहीं किया।

यहां केवल महिलाओं का कराया जाता प्रसव : एक मात्र एएनएम सुनीता कुमारी विभाग से प्राप्त सीमित संसाधनों में ही महिलाओं का सिर्फ प्रसव कराने का काम करती है। आसपास के उप स्वास्थ्य केंद्रों में इस प्रकार की भी सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण खेसकरी, मोकामो, कोयरीडीह, पूर्णिडीह, चिचाकी, बंदखारो आदि की महिलाएं प्रसव कराने यहां पहुंचती हैे। समय-समय पर सरकार की ओर से कराए जाने वाले टीकाकरण का लाभ इस क्षेत्र के लोगों को यहां से मिलता है। वर्तमान में कोविड-19 वैक्सीनेशन का लाभ लोगों को इस प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र से मिल रहा है।

इलाज के लिए बाहर जाने को विवश ग्रामीण : इस मामले से स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है, जिस कारण लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। छोटी-छोटी बीमारियों की दवा तो इस केंद्र से मिल जाती है, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर लोगों को इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता है या फिर उन्हें रांची, धनबाद, कोडरमा, हजारीबाग आदि जगह जाना पड़ता है। - स्वास्थ्य आम लोगों की मूलभूत सुविधा है। हम लोग इस प्रकार कब तक जीते रहेंगे। सरकारें आती है बड़े-बड़े वादे करती हैं लेकिन ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था का बहुत बुरा हाल है। इस केंद्र में डॉक्टर एवं दवा की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

चंदन वर्मा, ग्रामीण

- खेसकरी उप स्वास्थ्य उप केंद्र में एएनएम सीमित संसाधन में सिर्फ प्रसव की सुविधा जैसे-तैसे प्रदान करती है। झारखंड सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों की भावनाओं को समझते हुए यहां डॉक्टर की भी व्यवस्था सरकार करें।

कैलाश प्रसाद वर्मा, ग्रामीण आज से 40 वर्ष पूर्व जो सुविधाएं खेसकरी उप स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध थी। सरकार सिर्फ उसी को पुन: बहाल कर दे। इसी से इस क्षेत्र का कल्याण हो जाएगा। इससे भोली-भाली जनता झोलाछाप डॉक्टर और बड़े-बड़े नर्सिंग होम का चक्कर काटने से बच जाएगी।

दीपक सिंह, ग्रामीण - झारखंड सरकार आदिवासी हित की बड़ी-बड़ी बातें करती है। इस क्षेत्र में भी काफी संख्या में आदिवासी परिवार के लोग निवास करते हैं। उन्हें भी डॉक्टर की जरूरत पड़ती है। आम लोगों को छोड़ दे उनका ख्याल कर इस केंद्र में डॉक्टर की नियुक्ति विभाग जल्द करे।

नवीन कुमार, ग्रामीण - अगर स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वाकई में स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं तो आम लोगों का ख्याल रखते हुए इस केंद्र में डॉक्टर एवं अन्य सहयोगी कर्मी की नियुक्ति करें। बस हमारी यही मांग है।

ओम प्रकाश, ग्रामीण

- आखिर हम लोग कब तक झूठे आश्वासन व झूठे चुनावी वादों के भरोसे जीते रहेंगे। हम लोगों को भी इस केंद्र में डॉक्टर की नियुक्ति कर गरीब व भोली भाली आम जनता को बड़े-बड़े नर्सिंग होम में लूटने से बचाया जाए।

बालेश्वर प्रसाद, ग्रामीण

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