परीक्षा रद-स्थगित होने से छात्रों में खुशी के साथ मायूसी भी
गिरिडीह कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते बच्चों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से केंद्र सरक
गिरिडीह : कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते बच्चों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से केंद्र सरकार ने अगले माह होनेवाली सीबीएसई 10वीं की परीक्षा रद और 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया है। सरकार के इस फैसले का शिक्षकों ने स्वागत किया है, लेकिन छात्र-छात्राओं में इसे लेकर खुशी के साथ-साथ मायूसी भी है। खुशी इस बात को लेकर है कि सरकार को उनकी सुरक्षा की चिता है, जबकि उनकी मायूसी का कारण यह है कि पता नहीं परीक्षा अब कब होगी, और कितना समय बर्बाद होगा। सबसे अधिक मायूसी 10वीं के विद्यार्थियों में है। परीक्षा रद करना उन्हें रास नहीं आ रहा है। छात्रों का यह भी कहना है कि सरकार जब चुनाव करा सकती है, तो पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ परीक्षा भी ली जा सकती है।
स्थिति को देखते हुए सरकार ने 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर अच्छा किया है। समय की यही मांग थी। इससे हम छात्रों को तैयारी करने का और समय मिल गया है। इस समय का पूरी तरह सदुपयोग करते हुए और अच्छी तरह तैयारी करूंगा।
चिराग सिन्हा, सीसीएल डीएवी, छात्र 12 वीं कक्षा
परीक्षा को स्थगित करना सरकार का अच्छा निर्णय है। तैयारी करने के लिए कुछ दिन का और समय मिल गया है। अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए और अच्छी तरह से तैयारी करूंगा। उम्मीद है कि स्थिति सामान्य होने के बाद सरकार परीक्षा अवश्य लेगी।
प्रथम सिन्हा, सीसीएल डीएवी, छात्र 12 वीं कक्षा
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कोरोना के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। इससे परीक्षा को स्थगित करना अच्छा हुआ, लेकिन चिता भी बढ़ गई है कि अब परीक्षा का क्या होगा। जब चुनाव हो सकता है तो सरकार सावधानी और सुरक्षा बरतते हुए परीक्षा भी करा सकती है।
सृष्टि कुमारी, सीसीएल डीएवी छात्रा 12 वीं कक्षा
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स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टिकोण से परीक्षा को स्थगित करना अच्छा तो है, लेकिन हम परीक्षार्थियों की चिता और परेशानी बढ़ गई है। पता नहीं परीक्षा की आस में और कितना समय बर्बाद होगा। हालांकि पढ़ने का मौका मिला है। इसका फायदा उठाया जाएगा, लेकिन समय पर परीक्षा होना अच्छा होता है।
नंदिनी कुमारी, सीसीएल डीएवी छात्रा 12 वीं कक्षा
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परीक्षा के लिए पूरी तैयारी की थी। परीक्षा रद करने से हम विद्यार्थियों को ही नुकसान हुआ है। परीक्षा के बाद सर्टिफिकेट मिलने से आत्मविश्वास बढ़ता है। परीक्षा रद होने से हमारे साथ गलत हुआ है। ऐसा नहीं होना चाहिए था।
शुभांगी कुमारी, सीसीएल डीएवी छात्रा 10वीं कक्षा
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परीक्षा होनी चाहिए। इससे हमारी योग्यता और प्रतिभा का आंकलन होता है। सरकार कोरोना के सभी प्रोटोकॉल को अपनाते हुए परीक्षा ले सकती है। जब ऑनलाइन क्लास चल सकती है तो ऑनलाइन परीक्षा भी ली जा सकती है।
रोशन कुमार, बीएनएस डीएवी, छात्र 10 वीं कक्षा
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परीक्षा होनी चाहिए। इससे हमलोगों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है। साथ ही, और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है। परीक्षा रद करना उचित नहीं है। हालांकि सरकार ने स्थिति को देखते हुए कुछ अच्छा सोचकर ही यह निर्णय लिया है।
नवीन कुमार मिश्र, शिक्षक, बीएनएस डीएवी
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सरकार और हमारे लिए बच्चे सर्वोपरि है। उनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। देश में अभी जो स्थिति है उसके अनुसार परीक्षा रद और स्थगित करने संबंधी सरकार का निर्णय उचित है। बच्चों को इससे हतोत्साहित नहीं होना चाहिए।
एनपी सिंह, शिक्षक , सीसीएल डीएवी
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कोरोना संक्रमण के बढ़ते संकट में ऑफलाइन परीक्षा लेना जान जोखिम में डालने जैसा था। सरकार का यह निर्णय सर्वथा स्वागत योग्य है। पहले से ही इन बच्चों का सेशन लेट हो चुका है। इस स्थिति में 10वीं की परीक्षा रद कर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रोन्नति करना उपयुक्त कदम है।
योगेश्वर शास्त्री, शिक्षक, बीएनएस डीएवी