विकास की कामना से किया मतदान
लोकतंत्र के महापर्व पर कल 16 दिसम्बर को डुमरी की प्रबुद्ध जनता ने अपने बहुमूल्य वोट देकर इस महापर्व पर अपने कर्तव्यों की पूर्णाहुति की। समाज के हर तबके ने पूरे जोश और उत्साह के साथ मतदान महापर्व में हिस्सा लिया। थोड़ी मौसम की सर्द बेरुखी के बावजूद बुजुर्ग नौजवान विद्यार्थी शिक्षक मजदूर पुरुष और महिलाऐं सभी ने मतदान किया। समाज और देश के सर्वांगीण विकास
निमियाघाट: लोकतंत्र के महापर्व पर कल 16 दिसंबर को डुमरी की प्रबुद्ध जनता ने अपने बहुमूल्य वोट देकर इस महापर्व पर अपने कर्तव्यों की पूर्णाहुति की। समाज के हर तबके ने पूरे जोश और उत्साह के साथ मतदान के महापर्व में हिस्सा लिया। मौसम की सर्द बेरुखी के बावजूद बुजुर्ग, नौजवान, विद्यार्थी, शिक्षक, मजदूर, पुरुष और महिला सभी ने मतदान कर हर्ष जताया। -समाज और देश के सर्वांगीण विकास के लिए मैं मतदान कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। हर तरह के दबाव से ऊपर उठकर मैंने डुमरी विधानसभा के योग्य प्रत्याशी को वोट दिया है।
-उर्मिला देवी, शिवाजी नगर, इसरी बाजार। -मैंने डुमरी विधानसभा के स्वर्णिम भविष्य के लिए लिए मतदान किया। इसके अलावा इस बात की भी कामना करता हूं कि जो भी विधायक बनें वे सभी के सुख दुख की कामना करें। -सुनील कुमार जैन, प्रधानाध्यापक, पीएनडी जैन उच्च विद्यालय, इसरी बाजार। -पूरे परिवार के साथ मतदान करके मुझे आत्मिक खुशी हुई। डुमरी विधानसभा के उज्ज्वल भविष्य के लिए मैंने सपरिवार मतदान कर अपने फर्ज का निर्व्हन किया है।
-डॉ. गोवर्धन प्रसाद सिन्हा, इसरी बाजार। -तिरंगे की शान, लोकतंत्र की सफलता और डुमरी विधानसभा के विकास की प्रक्रिया में मैं भागीदार बना हूं, इससे बड़ी खुशी मेरे लिए हो ही नहीं सकती।
-देवेश कुमार देव, पीएनडी जैन उच्च विद्यालय,इसरी बाजार। -हम तीनों भाईयों ने विकास के नाम पर सपरिवार वोट डाला है। इसमें विकास की ही विजय होगी। हमारा एक एक वोट डुमरी के विकास के लिए था।
-सुब्रत कुमार सामंत, शिक्षक, प्रेम नगर। -शिक्षा के समुचित प्रबंधन और क्षेत्र की जनता की खुशहाली के लिए मैंने अपने वोटरूपी अस्त्र का इस्तेमाल किया है और यह सही निशाने पर लक्षित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है।
-प्रो. मोहनलाल प्रसाद, शिक्षाविद, इसरी बाजार। लंबी दूरी तय कर मैंने जब डुमरी विधानसभा चुनाव में अपने वोट को इवीएम मशीन में कैद किया, तो मेरी सारी थकान दूर हो गई। यही है लोकतंत्र की शक्ति।
- प्रो- भावेश कुमार, बेंगलुरु।