चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद थे जवान

जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार को चुनाव को लेकर सुरक्षा का हर इंतजाम किया गया था। प्रशासन की ओर सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था बूथों पर की गई थी कि परिदा भी पर मारने की हिम्मत नहीं जुटा सकता था। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बूथों की कमान सीमा सुरक्षा बल भारत तिब्बत सीमा बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल इंडियन रिजर्व बटालियन के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 06:03 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 06:03 PM (IST)
चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद थे जवान
चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद थे जवान

गिरिडीह: जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार को चुनाव को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बूथों की कमान सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, इंडियन रिजर्व बटालियन के हाथों में सौंप दिया गया था। नतीजा बूथों पर आने जानेवालों को सुरक्षा प्रहरियों के घेरे से होकर गुजरना पड़ रहा था। बूथों के पास किसी को भी बेवजह फटकने की इजाजत नहीं दी जा रही थी। बूथों के सौ मीटर व्यास क्षेत्र को अपने कब्जे में लेकर जवानों ने मतदाताओं के सिवा किसी के भी प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी।

बूथ के अंदर मतदाताओं के अलावा अन्य किसी को भी प्रवेश करने से पहले अपना परिचय पत्र सुरक्षा बलों को दिखाना पड़ रहा था। सुरक्षा के लिहाज से काफी मुकम्मल व्यवस्था की गई थी ताकि किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो सके। बूथों के अलावा बूथ के चारों ओर जवान काफी मुस्तैदी से सुरक्षा में तैनात थे। नक्सलियों की शरणस्थली के रूप में चर्चित पारसनाथ जोन व झारखंड-बिहार के सीमांचल क्षेत्र के मतदान केन्द्रों की छतों पर बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ व अन्य बलों के जवान पूरी तरह से मोर्चा संभाले हुए थे। बूथ पर व बूथ के समीप से गुजरनेवाले पथों पर सुरक्षा बलों की टीम चौकस रहकर पैनी नजर गड़ाए हुई थी।

सामान्य बूथों पर सैट, जिला बल, आ‌र्म्स बल, होमगार्ड, महिला बल व अन्य बलों की तैनाती कर सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की गई थी। पुलिस की टीम ने चुनाव के क्रम में मतदान को प्रभावित करनेवालों पर तिरछी नजर बना रखा था और हर स्थिति से निबटने को पूरी तरह से तैयार थी। चुनाव के दो दिनों पहले से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को चारों ओर से कब्जे में लेकर विशेष अभियान चलाया गया था ताकि लोग निर्भीक होकर अपने मतदान केन्द्र पर पहुंचकर मताधिकार का बेखौफ होकर प्रयोग कर सकें। प्रशासन की यह व्यवस्था कारगर साबित हुई और मतदान के दिन पेट्रोलिग का काम छोड़कर बूथों पर सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था कर वहीं से क्षेत्र में नजर रखी जा रही थी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से सड़कों पर स्थित पुल पुलिया की भी जांच की जा रही थी ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो सके।

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