जिप की जमीन का होगा सीमांकन, दुकानों का बढ़ेगा किराया

जागरण संवाददाता गिरिडीह जिला परिषद की बैठक शुक्रवार को हंगामेदार रही। जिप सदस्यो

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 11:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 11:36 PM (IST)
जिप की जमीन का होगा सीमांकन, दुकानों का बढ़ेगा किराया
जिप की जमीन का होगा सीमांकन, दुकानों का बढ़ेगा किराया

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: जिला परिषद की बैठक शुक्रवार को हंगामेदार रही। जिप सदस्यों के निशाने पर स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, समाज कल्याण सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी रहे। गत बैठक में आए मामलों के क्रियान्वयन में लापरवाही, योजनाओं में गड़बड़ी, कमीशनखोरी आदि को लेकर पदाधिकारियों की जमकर ¨खचाई हुई, वहीं पदाधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर भी सदन के तेवर तल्ख रहे। इसे लेकर तीन पदाधिकारियों के एक दिन का वेतन काटने का निर्णय लिया गया।

बैठक प्रारंभ होते ही पदाधिकारियों की अनुपस्थिति का मामला उठा। बगोदर विधायक प्रतिनिधि नारायण पांडेय ने जोरदार तरीके से ऐसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की। इस पर बैठक में नहीं पहुंचने वाले शिक्षा और पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल के पदाधिकारियों के एक दिन का वेतन काटने का प्रस्ताव लिया गया।

ओपन टेंडर निकाल किराए पर दी जाएंगी दुकानें: इस दौरान जिले में स्थित जिला परिषद की जमीन का सीमांकन करने का प्रस्ताव लिया गया। साथ ही धनवार, बगोदर, जमुआ आदि प्रखंडों में खाली पड़ी शेष 40 दुकानों को ओपन टेंडर निकालकर किराया पर लगाने, बगोदर बस पड़ाव में वर्तमान में मोटर कामगार यूनियन के अधीन 5 दुकानों का भी ओपन टेंडर कर भाड़ा पर लगाने, धनवार के धनवार में स्थित अतिक्रमित दुकानों को खाली कराकर किराया पर लगाने, बगोदर में सब्जी मंडी के रूप में उपयोग की जा रही जमीन को गोदाम बनाने के लिए टेंडर कर दूसरे को आवंटित करने, सरिया बड़ा चौक में डीआरडीए से निर्मित दुकानों को जिला परिषद को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया। जिप उपाध्यक्ष के लिए दैनिक मानदेय पर कंप्यूटर आपरेटर रखने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसके अलावा बगोदर की 307 दुकानों का किराया बढ़ाकर 1000 रुपया करने का निर्णय लिया गया।

इन पदाधिकारियों का कटेगा वेतन: जिप अध्यक्ष महतो ने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के दोनों कार्यपालक अभियंता एवं जिला शिक्षा अधीक्षक के एक-एक दिन का वेतन काटने का प्रस्ताव लिया गया है।

इन मामलों में पदाधिकारियों की हुई ¨खचाई: ग्रामीण क्षेत्रों में लचर बिजली व्यवस्था, ट्रांसफार्मरों के खराब रहने, विद्युतीकरण में शिथिलता जैसे मामलों को लेकर विद्युत विभाग के पदाधिकारियों को फजीहत झेलनी पड़ी। जमुआ प्रखंड में विद्युत विभाग के जेई के क्षेत्र में नहीं जाने का मामला आने पर सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि यह केवल जमुआ का मामला नहीं है, बल्कि कहीं भी विभाग के पदाधिकारी व कर्मी क्षेत्र नहीं जाते हैं। इस पर संबंधित पदाधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। बगोदर के हेसला, तिरला, कुरुडीहा आदि गांवों में विद्युतीकरण का कार्य नहीं हुआ है। इस दौरान गांवों में आवश्यकता के अनुसार अधिक क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाने का निर्देश दिया गया। आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण किए बिना कार्य से अधिक राशि की निकासी, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लाभुकों के चयन में शिथिलता आदि को लेकर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी से सवाल किए गए। भंडारो स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं जाने का मामला उठा। सिविल सर्जन से सदस्यों ने पूछा कि ड्यूटी नहीं करने वाले डॉक्टरों पर विभाग नरमी क्यों बरत रहा है। ऐसे डाक्टरों को बर्खास्त क्यों नहीं कर दिया जाता है? जिप सदस्य जयंती चौधरी ने धनवार के एक गांव में लाखों रुपये की लागत से निर्मित स्वास्थ्य केंद्र भवन के बेकार पड़े रहने का मामला उठाया। इस पर सिविल सर्जन ने कहा कि वहां भवन कब और किस विभाग से बना है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। अन्य सदस्यों ने भी कई जगहों पर निर्मित स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य सरकारी भवनों के बेकार पड़े रहने की बात कही। इस सदस्यों ने जांच व कार्रवाई की मांग की। इस मामले को ले काफी शोरशराबा भी हुआ। उप विकास आयुक्त मुकुंद दास ने सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि ऐसे भवनों का निर्माण राज्य स्तर से ही हुआ है। जिले में इससे संबंधित कोई भी अभिलेख नहीं है। राज्य मुख्यालय जाकर इसकी जांच करनी होगी, जो लंबी प्रक्रिया है।

डुमरी विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि यह केवल गिरिडीह का ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य का मामला है। जिला में हल्ला करने से कुछ नहीं होगा। यहां से 5-7 सदस्य 27 फरवरी को रांची आएं, वहां इसे लेकर सरकार से बात की जाएगी।

पीरटांड़ प्रमुख सिकंदर हेंब्रम ने स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला उठाया। कहा कि पीरटांड़ स्वास्थ्य केंद्र में एक वैसी महिला को सामान्य प्रसव दिखाकर प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया है, जिसका प्रसव ऑपरेशन से एक माह पूर्व ही हुआ था। दो साल से अधिक समय हो जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जप सदस्य मनौव्वर हसन ने कहा कि बीआरजीएफ के तहत 13 वीं वित्त की शेष राशि दी जाने वाली योजनाओं का चयन सदस्यों की सहमति लिए बिना कर लिया गया है। सदस्यों ने इसका विरोध किया।

ये थे उपस्थित: बैठक में जिप उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान, सांसद प्रतिनिधि यदुनंदन पाठक, अर्जुन बैठा, जिप सदस्य अनूप पांडेय, पूनम महतो, मीरा तिवारी, प्रमीला मेहरा, किरण वर्मा, जिला अभियंता भोला राम, डीईओ पुष्पा कुजूर सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी व जिप सदस्य उपस्थित थे।

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