सरकार नहीं, यहां नदी से लगाते पार करने की गुहार

संवाद सहयोगी बनियाडीह (गिरिडीह) सदर प्रखंड अंतर्गत अकदोनीकला दलित टोला में बहती खाखो नदी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:08 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:08 PM (IST)
सरकार नहीं, यहां नदी से लगाते पार करने की गुहार
सरकार नहीं, यहां नदी से लगाते पार करने की गुहार

संवाद सहयोगी, बनियाडीह (गिरिडीह) : सदर प्रखंड अंतर्गत अकदोनीकला दलित टोला में बहती खाखो नदी अरगाघाट पर अब तक पुल नहीं बना है। बारिश के दिनों में एक पंचायत से दूसरे पंचायत जाने में ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। सरकार से उम्मीद छोड़ चुके ग्रामीण इस नदी को पार करने के लिए नदी से ही गुहार लगाते हैं। नदी का जलस्तर कम होने के इंतजार में लोगों को घंटे नदी किनारे खड़ा करना पड़ता है। जब पानी कम होता है, तब ग्रामीण नदी के उस पार जाते हैं। अगर पानी नहीं कमा तो ग्रामीण पांच किलोमीटर की दूरी तय करके दूसरे रास्ते से अपने घर पहुंचते हैं।

यह नदी अकदोनीकला पंचायत से आधा दर्जन पंचायतों को जोड़ती है। दर्जनों किसानों की खेत नदी के उस पार है। बारिश में किसानों को कृषि कार्य के लिए आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। बीते दिनों नदी में आई बाढ़ से लोगों को काफी दिक्कत हुई। चपरगोरा के ग्रामीण नदी पार करने के लिए बाढ़ का पानी कम होने का इंतजार शाम तक करते रह गए। जब पानी कम नहीं हुआ तो अंत में पांच किमी की दूरी तय कर बदडीहा होकर अपने घर पहुंचे।

बताया जाता है कि झारखंड राज्य अलग गठन के बाद एवं वर्ष 2010 में पंचायत के बाद राज्य में जितनी भी सरकार बनी व मुखिया बने, सभी ने अकदोनीकला के लोगों को ठगने का काम किया। अलग झारखंड राज्य को 21 वर्ष हो गए पर इस नदी पर पुल बनने की आस में ग्रामीणों की आंखें पथरा गईं। इस नदी के दोनों ओर पक्की सड़क भी बन गई है। नदी में पुल नहीं रहने की जानकारी जिला प्रशासन, स्थानीय सांसद और विधायक को भी दे चुके हैं। --------

खाखो नदी अरगाघाट पर पुल नहीं रहने से बरसात के दिनों में लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती हैं। चपरगोरा, कोइरबेरा, बरमोरियो, बंदरकुप्पी, पालमो, बदगुंदा, चमरखो, टंड़सा आदि गांवों के सैकड़ों लोग इसी नदी से होकर गिरिडीह शहर या फिर बनियाडीह कोलियरी आते जाते हैं। नदी पर पुल बनाना बहुत ही जरूरी है।

-ललित कुमार दास, ग्रामीण, अकदोनीकला।

------------ -अलग झारखंड राज्य बनने के बाद भाजपा हो या फिर जेएमएम किसी भी सरकार ने इस नदी पर पुल बनाना जरूरी नहीं समझा। साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी पुल नहीं रहने की जानकारी दी गई पर किसी ने कोई पहल नहीं की। पुल के अभाव में ग्रामीण आदम युग में जीने को विवश हैं।

-टिकू दास, ग्रामीण, अकदोनीकला।

------------ -सावन महीने में दर्जनों किसान नदी पार कर धान रोपने के लिए हल बैल लेकर जाते हैं। बारिश होने पर नदी में अचानक बाढ़ आ जाती है जिससे किसान हल बैल लेकर खेतों में ही फंस जाते हैं। समय पर धान की रोपाई भी वे नहीं कर पाते हैं। स्थानीय सांसद एवं विधायक को गरीब किसानों के प्रति ध्यान देने की जरूरत है।

-डबलू कुमार दास, ग्रामीण, अकदोनीकला।

--------------- -राज्य गठन के बाद जितनी भी सरकारें बनीं सभी गांव देहात स्थित नदियों, नालों में पुल पुलिया का जाल बिछाने का दावा करती रही है। राज्य गठन के 21 साल बीतने के बाद खाखो नदी पर पुल नहीं बन पाया। अब सवाल यह उठता है कि इस नदी को उपेक्षित क्यों रखा गया।

-पंकज कुमार दास, ग्रामीण, अकदोनीकला।

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