नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बिछेगा सड़कों का जाल

गिरिडीह नक्सल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रभावित क्षेत्रों में सरकार ने विकास का पहिया दौड़

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:57 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:57 AM (IST)
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बिछेगा सड़कों का जाल
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बिछेगा सड़कों का जाल

गिरिडीह : नक्सल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रभावित क्षेत्रों में सरकार ने विकास का पहिया दौड़ाने की तैयारी में है। जल्द ही घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र पीरटांड, भेलवाघाटी, देवरी, तिसरी और बगोदर में सड़कों का जाल बिछाने की तैयारी की गई है। इन सुदूर क्षेत्रों में खराब आवागमन के कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसका लाभ नक्सली उठाते हैं। राज्य सरकार ऐसे क्षेत्रों की सूची डीसी से मांगी थी। इसी के तहत डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने सैकड़ों किलोमीटर सड़कों और पुल-पुलियों की सूची सरकार को भेजी है। इन सूची में पीरटांड़ थाना क्षेत्र के कमलासिघा-पांडेयडीह रोड, नोकनिया-चतरो रोड, हरलाडीह-खेताडाबर रोड, मधुबन-शिखरजी रोड। वहीं देवरी प्रखंड के अधीन देवरी और भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के तेतरिया-गुनियाथार रोड, भेलवाघाटी-हरकुंड-गुनियाथार रोड, बेरमी-लोकायनयनपुर रोड, भेलवाघाटी-हरकुंड-बेनियाथर सड़क जोड़ने वाला नदी पर पुल, स्थानीय नदी पर तीन किलोमीटर से अधिक पर पुल, तिसरी से भेलवाघाटी तक सड़क के लिए संबंधित नदी पर पुल। जबकि बगोदर के बकराडीह से बागोडीह तक पक्की सड़क और संबंधित नदी पर पुल के लिए डीसी ने सूची राज्य सरकार को भेजी है।

- खुलेंगे विकास के द्वार : जिले के इन घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन दुरुस्त हो जाने से वहां विकास के रास्ते खुलेंगे। मधुबन-शिखरजी एक महत्वपूर्ण सड़क है। निर्माण हो जाने से पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग लाभांवित होंगे। साथ ही पाण्डेयडीह, नॉकनिया, कमलासिघा, खेताडाबर पीरटांड़ का वह क्षेत्र हैं जिसे नक्सलियों का नर्सरी माना जाता है। नक्सली उसी क्षेत्र से निकलते हैं। वही तिसरी, भेलवाघाटी में नक्सलियों का वर्चस्व है। साथ बिहार सीमा से सटे होने के कारण नक्सली हिसा कर उसका फायदा उठाते हुए भाग जाते हैं। राज्य सरकार की ओर से उग्रवाद प्रभावित सड़क जोड़ योजना के तहत इन सड़कों का निर्माण कराने पर जोर दिया है।

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