75 बच्चों को मिला स्पांसरशिप योजना का लाभ

गिरिडीह कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए जिले के 75 बच्चों को अब तक स्पांसरशिप एवं फास्टर क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 07:26 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 07:26 PM (IST)
75 बच्चों को मिला स्पांसरशिप योजना का लाभ
75 बच्चों को मिला स्पांसरशिप योजना का लाभ

गिरिडीह : कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए जिले के 75 बच्चों को अब तक स्पांसरशिप एवं फास्टर केयर योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सर्वे के माध्यम से 274 बच्चों को चिह्नित किया है, जिन्हें स्पांसरशिप योजना का लाभ देना है। इसके अलावा प्रोजेक्ट शिशु के तहत कोविड से प्रभावित परिवारों के कुल 34 बच्चे चिह्नित किए गए हैं, जिनमें से 32 बच्चों को स्पांसरशिप योजना से लाभान्वित किया गया है, शेष दो बच्चों की संचिका प्रक्रियाधीन है। यह जानकारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बुधवार को डीसी कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न बैठक में दी। इस क्रम में उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कुपोषित बच्चों की सघन स्क्रीनिग, स्पांसरशिप व फास्टर केयर योजना के तहत अनाथ बच्चों को चिह्नित कर लाभान्वित करने व आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं तथा नवजात बच्चों को दिए जाने वाले पोषाहार के बारे में जानकारी ली और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में कई बच्चों ने अपने माता-पिता एवं स्वजनों को खोया है। कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की देखरेख, संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे बच्चों की उचित परवरिश हो। वे किसी गलत हाथ में न चले जाएं। ऐसे बच्चों को तस्करों से बचाने के लिए उन्हें प्रायोजन एवं फास्टर केयर योजना से लाभान्वित किया जाना है। बताया कि जिले में अति गंभीर कुपोषित बच्चों में आम बीमारियों से ग्रसित बच्चों की संख्या 261 है। हमें अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान, उपचार एवं प्रबंधन के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को ग्राम स्तर पर अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान, उपचार एवं उचित प्रबंधन के लिए सघन अभियान चलाने का निर्देश दिया।

उपायुक्त ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी से निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे में जानकारी प्राप्त की। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि कार्यपालक अभियंता, एनआरईपी ने 79 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी है, जिनमें से 63 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। 16 आंगनबाड़ी केंद्र निर्माणाधीन हैं। कार्यपालक अभियंता जिला परिषद ने155 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी है, जिनमें से 135 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। 20 आंगनबाड़ी केंद्र निर्माणाधीन हैं। कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल ने 78 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी है, जिनमें से 67 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। 11 आंगनबाड़ी केंद्र निर्माणाधीन हैं। कार्यपालक अभियंता, लघु सिचाई प्रमंडल, गिरिडीह ने 30 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी गई, जिनमें से 25 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण पूरा हो चुका है। पांच आंगनबाड़ी केंद्र निर्माणाधीन हैं। मनरेगा के तहत 1340 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 1294 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। 40 केंद्र निर्माणाधीन है। विशेष केंद्रीय सहायता मद के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में कार्यपालक अभियंता एनआरईपी ने नौ आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी है, जिनमें से पांच आंगनबाड़ी का कार्य पूर्ण हो चुका है। कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल ने 12 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी गई, जिनमें से सात आंगनबाड़ी का कार्य पूर्ण हो चुका है।

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