साइबर अपराधियों नेबैंकों से की डेढ़ करोड़ की निकासी
साइबर ठगी करने के धंधे में संलिप्त लोगों को खाते से रूपये निकासी कर पहुंचाने व उसका कमीशन लेकर लाखों रूपये अर्जित करने वाले दो कमीशनखोर साइबर अपराधी को पुलिस दबोचने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपितों में अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के कोलडीहा गांव निवासी उपेन्द्र राणा व उसका सहयोगी रंजीत राणा शामिल है। दोनों के अलावे उसका एक अन्य सहयोगी मिराज
गिरिडीह : साइबर ठगी करने के धंधे में संलिप्त लोगों को खाते से रुपये निकासी कर पहुंचाने व उसका कमीशन लेकर लाखों रुपये अर्जित करने वाले दो कमीशनखोर साइबर अपराधियों को दबोचने में पुलिस ने सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपितों में अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के कोलडीहा गांव निवासी उपेंद्र राणा व उसका सहयोगी रंजीत राणा शामिल हैं। दोनों के अलावा उसका एक अन्य सहयोगी मिराज ने पिछले डेढ़ साल के दौरान ठगी की हुई राशि को सरगना तक पहुंचाने के एवज में करीब 14 लाख रुपये की बतौर कमीशन अर्जित किया है। इस धंधे में साइबर अपराध में संलिप्त गिरोह के कई सदस्य फिल्ड वर्क करने में शामिल हैं जो ठगी की रकम को खाते में भेजते हैं। उसे ये लोग निकासी कर 15 प्रतिशत कमीशन काटकर गिरोह के मुख्य लोगों को शेष 85 प्रतिशत राशि पहुंचाते हैं। साइबर अपराध गिरोह के सदस्य 85 प्रतिशत की राशि से अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपये अर्जित किए हैं। इस धंधे में करीब 14 लोगों का समूह क्षेत्र में एक गिरोह के रूप में सक्रिय है। रंजीत राणा के पास से पांच मोबाइल व अलग-अलग बैंकों के छह खाता बरामद किया गया है। साथ ही दिल्ली के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम कार्ड भी मिला है जिससे ठगी के दो लाख रुपये की निकासी हुई है। इसके अलावा दस से अधिक बैंक खातों का डिटेल भी प्राप्त हुआ है। उपेंद्र के मोबाइल पर ढाई लाख रुपये ट्रांजेक्शन का डाटा भी उपलब्ध है। ये करीब पंद्रह लाख रुपये की ठगी करने में सहयोगी रहा है। उसके मोबाइल व खातों को खंगाला जा रहा है। इस संबंध में नगर थाना में साइबर अपराध को लेकर उपेंद्र राणा, रंजीत राणा, अजय मंडल के अलावा अन्य पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। रंजीत पूर्व में भी साइबर अपराध के मामले में जेल जा चुका है। गिरफ्तार दोनों आरोपितों को जेल भेजे जाने से पूर्व न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया, जहां से न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया। प्रेसवार्ता में नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो, साइबर थाना प्रभारी सहदेव महतो, एएसआइ राजीव कुमार सिंह आदि शामिल थे।
इनके खातों से हुई है ठगी: साइबर ठगी करने वालों ने वैसे तो कई लोगों को चूना लगाने का काम किया है। इनमें एके बनर्जी के खाते से 50 हजार, सईद अलताब खान के खाते से 24 हजार, राजेश के खाते से 14 हजार, मनोज के खाते से 37 हजार 750 व अकाशी के खाते से 47 सौ रुपये के अलावा अन्य लोगों के खाते से पैसे की निकासी की गई है।
दिल्ली के बैंकों में है फर्जी खाता: गिरफ्तार आरोपितों का दिल्ली के कई बैंकों में फर्जी खाता है। साथ ही अन्य कई लोगों के दिल्ली के बैंकों में संचालित खाते का उपयोग कर उसमें ठगी की राशि को मंगाया जाता है। इन बैंकों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, फेडरल बैंक, इलाहाबाद बैंक के अलावा फिना बैंक समेत अन्य शामिल है। इन खातों का एटीएम पहरीडीह निवासी मिराज ने इन लोगों को दिया है जो खुद दिल्ली में रहता है।
सोफीयान ने नष्ट कर दिया था एटीएम : पहरीडीह का रहने वाला सोफीयान के साथ पहले इस धंधे को अंजाम देने में दोनों संलिप्त थे। सोफीयान एक मोबाइल अजय मंडल के पास से खरीदी थी जिससे फर्जी खाते में उसका नंबर सक्रिय कराकर ठगी की राशि उन खातों में मंगाई जाती थी। बाद में सोफीयान सभी एटीएम कार्ड को नष्ट कर केरल चला गया।
भदवा में खुलता है फिना बैंक का खाता: पुलिस गिरफ्त में आया उपेंद्र ने बताया कि फिना बैंक का खाता ऑनलाइन खुलता है। इसे गांव-गांव में घुमकर भी खोला जाता है। उसने फिना बैंक के खाते को ऑनलाइन खुलवाने का काम किया है। यह खाता अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के रतनजोरी पंचायत के बेलाटांड़ के समीप भदवा में संचालित टुनटुन के दुकान में खुलवाया था। उस खाते का एटीएम का उपयोग किसी भी एटीएम में कर राशि उड़ाने का काम किया जाता था।
दो खाते में होल्ड है राशि: उपेंद्र के दो खातों को रांची से साइबर सेल ने होल्ड कर रखा है। इन होल्ड किए हुए खातों में से कार्पोरेशन बैंक की शाखा में 26 हजार रुपये आंध्र प्रदेश की पुलिस ने होल्ड कराया है जबकि फिना बैंक में 50 हजार रुपये को भी होल्ड करा कर रखा गया है। इसके अलावा दिल्ली की कई शाखाओं में खातों की जांच की जा रही है। फिना बैंक में संजू कुमार राय के आईडी पर खाता खुलवाकर उसमें राशि मंगवाई जाती थी।