कोरोना वायरस ने बदली लोगों की दिनचर्या

तिसरी प्रखंड में पुलिस सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही है। शुक्रवार सुबह छह बजे से

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 06:42 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 06:42 PM (IST)
कोरोना वायरस ने बदली लोगों की दिनचर्या
कोरोना वायरस ने बदली लोगों की दिनचर्या

तिसरी : प्रखंड में पुलिस सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही है। शुक्रवार सुबह छह बजे से लोग अपने-अपने कार्यो में जुट जाते हैं। प्रखंड का मुख्य बाजार सजने लगता है। बाजार में खरीद-बिक्री के लिए लोगों का आवागमन होता है। सभी मास्क पहनकर व शारीरिक दूरी का पालन कर सरकार के निर्देशों का पालन करते नजर आते हैं। दो बजे तक बाजार का चौक-चौराहा वीरान हो जाता है। सभी लोग व दुकानदार अपने-अपने घरों में दुबक जाते हैं। पुलिस प्रशासन सरकार के नियमों का पालन कराने के लिए बाजार व चौक-चौराहों का निरीक्षण करती है। इस आंशिक लॉकडाउन ने लोगों की दिनचर्या बदल दी है। बेवजह लोगों का बाजार में घूमना बंद हो गया है।

शुक्रवार को दोपहर एक बजे दैनिक जागरण टीम प्रखंड की तिसरी पंचायत का सलगाडीह गांव का जायजा लेने पहुंची। गांव में आदिवासी जाति के लोग निवास करते हैं। गांव में लगभग पांच सौ की आबादी है।

गांव में आदिवासी महिला-पुरुष व बच्चे अपने घर में दुबके मिले। कुछ लोग अपने घर के कार्यो में व्यस्त दिखे तो कोई मनरेगा योजना में मजदूरी करते नजर आए। लॉकडाउन के कारण घर से बाहर नहीं निकलने का फरमान सुनकर गांव से बाहर नहीं निकल रहे हैं। अपने-अपने घर में कुछ महिलाएं सखुआ का पत्तल बनाने में जुटी थी। ग्रामीणों ने गांव में रोजगार की कमी और पानी टंकी से कोई लाभ नहीं होने की शिकायत की। कहा कि ठेकेदार यदि सही से पानी टंकी का निर्माण कराता और पानी पाइप से खेतों तक पहुंचता तो खेती हो सकती थी, लेकिन लांखों रुपये खर्च के बाद भी टंकी बेकार पड़ी हुई है।

गांव में प्रवेश करते ही संझली मुर्मू घर के एक कमरा में पत्तल बना रही थी। उसने कहा कि कोई काम नहीं है तो पत्तल बना रही हूं। शादी विवाह में काम के लिए ऑर्डर मिला है। वहां से आगे बढ़ने पर बुजुर्ग पूरन मुर्मू मिले। वह मील घर के बाहर बैठे थे। कहा कि कोरोना के कारण कोई भी घर से नहीं निकलता है। लॉकडाउन में सरकारी राशन से गुजारा हो रहा है। पिछले साल की तरह सरकार से चावल मिलता तो राहत मिल जाती। घर के कमाऊ लड़का-बच्चा भी बेकार बैठे हैं। ढिबरा चुनने जाते थे, लेकिन वह भी ठप हो गया है। प्रदेश में भी कोरोना का कहर है। कोरोना के कारण कहीं निकल भी नहीं रहे हैं।

कुछ दूर जाने पर पांडु किस्कू घर के बाहर पेड़ के पास चारपाई के लिए पार्टी बनाते हुए मिला। उसने हंसते हुए कहा कि घर का काम कर रहे हैं। बाजार जाने पर पुलिस भगा देती है।

गांव के बीचों बीच मनरेगा से मिट्टी-मोरम रोड बनाने का काम चल रहा था। मिट्टी काट रहे चंदवा मुर्मू ने कहा कि लॉकडाउन में मनरेगा से एक दर्जन लोगों को रोजगार मिला है। क्रशर रोड से सलगाडीह मुख्य सड़क तक मिट्टी-मोरम का काम हो रहा है। मनरेगा के तहत दो अन्य मिट्टी-मोरम रोड निर्माण में कुल50 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। इससे मजदूरों को काफी राहत मिल रही है।

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