कोरोना ने छीना माता-पिता का साया, खाने के पड़े लाले
गांडेय(गिरिडीह) कोरोना महामारी में कइयों ने अपनों को खोया है। गांडेय प्रखंड की गजकुं
गांडेय(गिरिडीह) : कोरोना महामारी में कइयों ने अपनों को खोया है। गांडेय प्रखंड की गजकुंडा पंचायत के परमाडीह निवासी 22 वर्षीय मुन्नी कुमारी और उसका 20 वर्षीय भाई रोहित कुमार की माता-पिता की मौत कोरोना से हो गई। इससे वेलोग अनाथ हो गए। अपनी बड़ी चाची के घर दोनों को दो वक्त का खाना नसीब हो रहा है। उनकी स्थिति दयनीय हो गई है।
जानकारी के अनुसार परमाडीह निवासी निर्मल प्रसाद वर्मा धनबाद के हाउसिग कालोनी में अपनी 22 वर्षीय बेटी मुन्नी कुमारी, 20 वर्षीय बेटा रोहित कुमार और पत्नी के साथ रहते थे। वह धनबाद में अंडा बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। कोरोना महामारी के दौरान दो माह पूर्व 28 अप्रैल को सुबह 11 बजे निर्मल प्रसाद वर्मा की पत्नी मीना देवी और 29 अप्रैल रात एक बजे निर्मल प्रसाद वर्मा की मौत अचानक कोरोना से होने से हो गई। 24 घंटे के भीतर अचानक माता पिता की हुई मौत के कारण दोनों भाई बहन अनाथ हो गए। इसके बाद वे लोग अपने पैतृक गांव परमाडीह पहुंच गए। भाई बहन पूर्वज के मिट्टी के मकान में रहे हैं। मरम्मत के अभाव में मकान काफी कमजोर हो गया है जो कभी भी गिर सकता है। दोनों बच्चों के पास आर्थिक तंगी है। उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। इधर परमारडीह के समाजसेवी लक्ष्मण प्रसाद वर्मा ने बताया कि अनाथ बच्चों के नाम पर गांव में कुछ जमीन है परंतु आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण खेती करने में वे असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा बाहर में रहने के कारण उन्हें खेती के विषय में जानकारी भी नहीं है। उन्होंने प्रशासन से अनाथ बच्चों की मदद करने की मांग की है।