तीन माह में ही धंसने लगा स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन

पीरटांड़ प्रखंड अंतर्गत सुदूरवर्ती इलाके में बसे हरलाडीह में लाखों की लागत से बने प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन उद्घाटन के तीन महीने के बाद ही धँसना शुरू हो गया।भवन तो पूरी तरह धंसा नही है लेकिन बाउंड्रीवाल धंसकर गिर गया है जिससे अस्पताल में जानवरों का प्रवेश शुरू हो गया और अस्पताल की सुरक्षा भी खतरे में आ गया है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 09:00 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 09:00 AM (IST)
तीन माह में ही धंसने लगा स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन
तीन माह में ही धंसने लगा स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन

पीरटांड़ : प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाका हरलाडीह में लाखों रुपये की लागत से बने प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र भवन का उद्घाटन के तीन माह बाद ही धंसना शुरू हो गया। भवन तो पूरी तरह धंसा नहीं है, लेकिन बाउंड्रीवाल धंसकर गिर गया है, जिससे अस्पताल में जानवरों का प्रवेश शुरू हो गया है। अस्पताल की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।

लगभग साढ़े चार साल में बनकर तैयार हुआ यह भवन मरम्मत मांगने लगा। पीरटांड़ प्रखंड के पूर्वाखंड में स्थित हरलाडीह, सिमरकोढ़ी, कुड़को, बदगांवा, खरपोका, खुखरा, तुइयो आदि पंचायतों में निवास कर रहे ह•ारों लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।14 मार्च 2020 को विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र झा की उपस्थिति में तामझाम से अस्पताल का उद्घाटन हुआ था। धीरे-धीरे मरीज भी आना शुरू हुआ। उस समय लगा कि नई सरकार में पीरटांड़ की कुछ तरक्की होगी। विधायक जितने के पहले इस क्षेत्र के लिए प्रयासरत भी रहे हैं, लेकिन जब लाखों की लागत से बने भवन की चहारदीवारी ही पहली बारिश में दम तोड़ दे, भवन के कुछ हिस्सों में दरारें पड़ने लगे तो इससे भवन की गुणवत्ता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

06 जुलाई 2015 को तत्कालीन विधायक निर्भय शाहाबादी ने इस भवन का शिलान्यास किया था। लगभग साढ़े चार वर्षों में यह भवन तैयार हुआ। विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के प्रयास के बाद भवन का उद्घाटन भी हुआ, लेकिन उद्घाटन हुए छह माह भी नहीं बीते और भवन की मरम्मत की आवश्यकता पड़ गई। चहारदीवारी गिर गई। सीआरपीएफ द्वारा लगाए गए पौधे जानवर खाने लगे।

हरलाडीह मुखिया जगदीश सोरेन ने ठेकेदार पर कार्रवाई करने की मांग की है। मुखिया ने कहा कि भवन निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई, जो लीपापोती की गई है, वह साफ दिख रही है। जिसका नतीजा है अस्पताल के पीछे चहारदीवारी ध्वस्त हो गई है, जबकि इस अस्पताल में महिलाओं का आना-जाना एवं रहना होता है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से तत्काल चहारदीवारी निर्माण की मांग भी की है।

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