सेवा भावना से प्रेरणास्त्रोत बनीं मुखिया रुबी देवी

गांडेय (गिरिडीह) कहते हैं सेवा का कोई मोल नहीं होता है। निस्वार्थ भाव से की गई सेवा स

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 05:55 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 05:55 PM (IST)
सेवा भावना से प्रेरणास्त्रोत बनीं मुखिया रुबी देवी
सेवा भावना से प्रेरणास्त्रोत बनीं मुखिया रुबी देवी

गांडेय (गिरिडीह) : कहते हैं सेवा का कोई मोल नहीं होता है। निस्वार्थ भाव से की गई सेवा से लोगों की दुआएं मिलती हैं। देर से सही, लेकिन नेकी की दुआ अपना रंग जरूर दिखाती है। गांडेय प्रखंड अंतर्गत बुधुडीह पंचायत की निवर्तमान मुखिया रूबी देवी इसकी प्रेरणा बनी हुई हैं। उन्होंने पांच वर्षो तक पंचायत वासियों की बेहतर सेवा की। सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा। दिन रात जनता की सेवा में जुटी रही। पंचायत वासियों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया। उसका परिणाम है कि बुधुडीह पंचायत का चयन दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार 2021 के लिए किया गया। बुधुडीह पंचायत को राज्य में पहला स्थान मिला है। बुधुडीह की निवर्तमान मुखिया को अवार्ड मिलने से पूरे पंचायत वासियों में हर्ष है।

बता दें कि सरकार ने पंचायत सचिवालय को क्रियाशील करने के लिए लाखों रुपये खर्च किए। इंटरनेट, सुंदरीकरण समेत कई कार्य किए गए, लेकिन उनके लाख प्रयास के बावजूद वर्तमान में सभी पंचायत सचिवालय क्रियाशील नहीं हो पाया है, लेकिन बुधुड़ीह पंचायत ने पूरे प्रखंड व जिला के लिए मिसाल पेश की है। निर्वतमान मुखिया पंचायत सचिवालय को ही अपना घर मानकर इस कार्य में जुट गई। उनके प्रयास से पंचायत भवन का सुंदरीकरण कर बेहतर मीटिग हॉल, मुखिया कक्ष, पंचायत सचिव कक्ष, शौचालय, पेयजल, कम्प्यूटर, इंटरनेट, योजना डिस्प्ले, लाभुक डिस्प्ले व पंचायत भवन प्रहरी आदि की बेहतर व्यवस्था की गई है। निर्वतमान मुखिया रूबी खुद पंचायत सचिवालय को प्रतिदिन सुचारू रूप से संचालित करती है। वह पंचायत सचिव, रोजगार सेवक के साथ सचिवालय में बैठकर पंचायत के कार्यो को पंचायत भवन में ही संपादित करती हैं। इस कारण ग्रामीणों को किसी भी काम के लिए प्रखंड कार्यालय के लिए भटकना नहीं पड़ता है। पंचायत भवन को सुचारू रूप से संचालित होते देख राज्यस्तरीय जांच टीम भी गदगद हुई थी। टीम ने इसके लिए महिला मुखिया की सराहना भी की थी।

इस आधार पर मिला पुरस्कार : पुरस्कार के लिए चयन को लेकर राज्य स्तरीय टीम ने बुधुड़ीह पंचायत का निरीक्षण कर योजनाओं का भौतिक सत्यापन व दस्तावेजों के रिकार्ड की भी जांच की थी। जांच में बुधुडीह पंचायत में मनरेगा एवं 14 वें वित्त योजना में बेहतर कार्य पाया गया। जांच में पंचायत स्तरीय स्थायी समिति, ग्राम सभा का संचालन पाया गया। साथ ही स्थल निरीक्षण के क्रम में जॉब कार्डधारी, किसान, ग्रामीण, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आदि से बातचीत कर पंचायत में चल रहे विकास कार्यो का जायजा लिया गया। मनरेगा से कृषि व जलसंरक्षण के लिए 25 कुआं, 10 तालाब और 50 डोभा बना पाया गया। इससे पंचायत में बेहतर कृषि कार्य कर किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुखिया के प्रयास से उज्ज्वला योजना के तहत 1000 परिवारों को गैस कनेक्शन, 500 जरूरतमंद लोगों को पेंशन व 100 आदिवासी परिवारों का ग्रीन कार्ड बनाया गया। बुधुड़ीह में बने उप स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र को सुंदरीकरण कर मॉडल बनाया। इससे लोगों को बेहतर सुविधा मिल पाती है।

कोरोना महामारी में लोगों की मदद की : गत वर्ष अचानक से कोरोना महामारी फैल गई। वायरस के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण लोग घर से नहीं निकलते थे। ऐसे में महिला मुखिया ने पंचायत के लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने गांव-गांव में जाकर मास्क व सैनिटाइजर का वितरण किया। साथ ही कोविड-19 से संबंधित सटीक जानकारी लोगों तक पहुंचाकर उन्हें जागरूक किया। प्रवासी मजदूरों के बीच सरकार से मिले खाद्यान सहायता किट वितरण किया। राशन कार्ड से वंचित परिवारों को घर-घर जाकर खाद्यान मुहैया कराया। प्रवासी मजदूरों के लिए पंचायत में बने कैंप में पहुंचकर उनके खाने-पीने की मॉनिटरिग की। देश में हुए लॉकडाउन के कारण घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों की सूची घर-घर पहुंचकर तैयार की। उस सूची को राज्य सरकार को भेजा, जिससे पंचायत के दर्जनों मजदूरों के खाते में सहायता राशि मिली।

पंचायत को स्वच्छ बनाने पर दिया जोर : बुधुड़ीह पंचायत में स्वच्छता पर विशेष जोर दिया गया है। पूरे पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 900 शौचालय बनाकर खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। पंचायत के अधिकांश लोग शौचालय का उपयोग करते हैं। बच्चों को स्वच्छ रखने के लिए सभी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण हैंडवाश टैंक लगाया गया है। अधिकांश चापाकलों के पास सोख्ता बनाने से अनावश्यक पानी का जमाव नहीं होता है। साथ ही सड़क के किनारे ढकी हुई नाली, पीसीसी, पेबर ब्लॉक, पुलिया बनाया गया है जिससे गंदगी से निजात मिलती है।

- महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर : मुखिया ने गांव-गांव में जाकर स्वयं सहायता समूह को सुचारू रूप से सुदृढ करना शुरू किया। उन्होंने सभी महिलाओं से मिलकर उन्हें स्वयं सहायता समूह से जुड़कर रोजगार करने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयास से पंचायत की महिलाएं समूह से जुड़ी। कुछ समूह की महिलाएं प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार से भी जुड़ रही हैं। मुखिया के नेतृत्व में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।

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