खराब पड़े चापाकल, गहराया पेयजल संकट
गांडेय (गिरिडीह) गर्मी अपने चरम पर है। दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ग
गांडेय (गिरिडीह) : गर्मी अपने चरम पर है। दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गर्मी की बढ़ती तपिश के साथ ही प्रखंड में पेयजल की समस्या गहराने लगी है। पूरे प्रखंड में 150 से अधिक चापाकल खराब हैं। ऐसे में लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या पेयजल की बनी हुई है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने सप्ताह भर से चापाकलों की मरम्मत करना शुरू किया है, लेकिन कम संसाधन के कारण कार्य धीमी गति से शुरू हुआ है। इस कारण अधिकांश चापाकल खराब स्थिति में हैं। लोग पेयजल के लिए प्रतिदिन परेशानी उठा रहे हैं।
गांडेय प्रखंड में वर्तमान में लगभग 150 से अधिक चापाकल खराब हैं। कई चापाकल तो छह माह से खराब पड़े हैं, लेकिन उनकी मरम्मत के लिए किसी तरह की पहल नहीं किया गया है। जनप्रतिनिधियों ने अपने कार्यकाल के बीते छह माह के भीतर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। अब पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में सारी जवाबदेही प्रशासन पर आती है। झरघट्टा पंचायत के डहुआटांड़, कसियासेर, ढोढ़ीया समेत अन्य गांवों में आधा दर्जन चापाकल खराब पड़े हैं। डहुआटांड़ के ग्रामीण देवानंद राय, मोहन कोल्ह, पूरन कोल्ह, संजय कोल्ह आदि ने बताया कि उनके गांव में बीते छह माह से चापाकल खराब पड़ा है। कई बार मुखिया व विभाग को शिकायत की गई, लेकिन कोई पहल नहीं हुई है। उन्होंने प्रशासन से अविलंब खराब चापाकलों की मरम्मत कराने की मांग की है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता बबलू हांसदा ने बताया कि खराब चापाकलों की मरम्मत शुरू हुई है। सभी पंचायतों में चापाकल खराब पड़े हैं। ऐसे में सूची के आधार पर चापाकलों की मरम्मत की जा रही है। विभाग की ओर से फिलहाल मरम्मत कार्य के लिए एक टीम लगाई गई है। जल्द ही टीमों की संख्या बढ़ाई जाएगी। खराब चापाकलों की जल्द मरम्मत की जाएगी, ताकि पेयजल की समस्या न हो।