विशुद्ध सागर समेत जैन साधुओं ने किया चातुर्मास में प्रवेश

पीरटांड़ (गिरिडीह) जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में चातुर्मास पर्व शुक्रवार से शुरू

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:21 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:21 AM (IST)
विशुद्ध सागर समेत जैन साधुओं ने किया चातुर्मास में प्रवेश
विशुद्ध सागर समेत जैन साधुओं ने किया चातुर्मास में प्रवेश

पीरटांड़ (गिरिडीह): जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में चातुर्मास पर्व शुक्रवार से शुरू हो गया। आषाढ़ पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक यह पर्व चलता है। इसकी शुरुआत कलश स्थापन के साथ हो गई। अब चार माह तक जैन साधु प्रसन्न सागर व विशुद्ध सागर जी मधुबन में ही रहेंगे। विशुद्ध सागर ने तेरापंथी कोठी व प्रसन्न सागर ने बीस पंथी कोठी में शुक्रवार को कलश की स्थापना की। अब यहीं चार माह तक दोनों जैन मुनि पूजा पाठ, प्रवचन सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम करेंगे। इस दौरान मधुबन में सैकड़ों धार्मिक कार्यक्रम होते हैं जिसमें सावन सप्तमी, अष्टमी, कल्याणक महोत्सव आदि होते हैं। बताया जाता है कि चार माह वर्षाकालीन समय होता है। इस दौरान उनके यात्रा करने से कहीं कोई कीड़ा मकौड़े मर न जाए, इसके लिए जैन साधु पैदल चलने से परहेज करते हैं और एक ही जगह स्थिर होकर साधना करते हैं।

बता दें कि मधुबन जैनियों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहां प्रतिवर्ष हजारों जैन श्रद्धालु इस चातुर्मास में आते हैं लेकिन कोविड के कारण पिछले साल से यहां धार्मिक कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहा है। इस वर्ष भी कोविड के भय के बीच चातुर्मास की शुरुआत की गई है।

कलश स्थापन कार्यक्रम में काफी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु : जैन धर्म की पावन धरा मधुबन में चातुर्मास पर्व शुरू हो गया है। इस पर्व की शुरुआत के साथ ही मधुबन एक बार फिर चातुर्मास पर्व के रंग में रंग गया है। होगा भी क्यों नहीं इसी की आस में सालोंभर मधुबन की जैन संस्थाएं, बाजार के दुकानदार, डोली मजदूर आदि को रहती है। चातुर्मास सावन माह से कार्तिक माह तक रहता है। इस चार माह तक मधुबन तो मंत्रोच्चार से गुंजायमान रहता ही है यहां की संस्थाएं, दुकानदार, डोली मजदूर सभी में रौनक आ जाती है। ऐसा इसलिए कि चार माह तक काफी संख्या में यहां जैन श्रद्धालु आते हैं और इसमें मधुबन का व्यापार भी अच्छा चलता है। चार माह तक मधुबन भक्ति कार्यक्रम में गुंजायमान रहेगा और श्रद्धालु भी इस कार्यक्रम में भाव विभोर रहेंगे। इस दौरान अधिक जैन श्रद्धालु यहां आते हैं और इसका मुख्य त्योहार सावन सप्तमी होता है जिसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। यहां की कोठियों में जगह नहीं होते हैं कि श्रद्धालुओं को ठहराया जा सके। सावन सप्तमी का इंतजार लंबे समय से लोग करते हैं। बस अब सावन सप्तमी भी आनेवाला है। शुक्रवार को कलश स्थापन के साथ चातुर्मास शुरू भी हो गया। पर्व के प्रारंभ में ही काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे हुए हैं जिन्होंने कलश स्थापन महोत्सव में बढ़ चढ़कर भाग लिया। तेरापंथी कोठी में विशुद्ध सागर महाराज के कलश स्थापन कार्यक्रम में मध्यप्रदेश से विधायक सुनील जैन, पटना के न्यायाधीश अखिलेश जैन, महाराष्ट्र के न्यायाधीश कैलाश जैन, सुरेश जी सेठी, दीपक पाटनी, प्रकाश झांझरी, विनोद साव, अशोक गंगवाल, पवन जैन, अनिल कनाडा आदि लोगों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

chat bot
आपका साथी