डॉक्टर साहब, मेरा भाई जिदा है

रविवार को सदर प्रखंड अंतर्गत फूलची व मटुरखा गांव में हुए वज्रपात की चपेट में आने से बालक एवं एक व्यक्ति की मौत की पुष्टी चिकित्सक की ओर से किये जाने बाद दोनों के परिजनों की रोने बिलखने से सदर अस्पताल परिसर का माहौल गमगीन हो गया था। परिजनों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि पल भर में हंसते खेलते परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा। परिजन दौड़ दौड़ कर चिकित्सक के पास जाते और कहते डॉक्टर साहब मेरा भाई जिदा है। जल्दी कुछ कीजिए ना। दे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 08:28 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 08:28 PM (IST)
डॉक्टर साहब, मेरा भाई जिदा है
डॉक्टर साहब, मेरा भाई जिदा है

गिरिडीह : रविवार को सदर प्रखंड अंतर्गत फूलची व मटुरखा गांव में हुए वज्रपात की चपेट में आने से बालक एवं एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि चिकित्सक की ओर से करने के बाद दोनों के परिजनों के रोने-बिलखने से सदर अस्पताल परिसर का माहौल गमगीन हो गया था। परिजनों को विश्वास ही नहीं हो रहा था पल भर में ही हंसते-खेलते परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा। परिजन दौड़-दौड़ कर चिकित्सक के पास जाते और कहते डॉक्टर साहब, मेरा भाई जिदा है। जल्दी कुछ कीजिए न। देखिए नब्ज चल रही है, आला लगाकर तो देखिए। वहीं दूसरी ओर इकलौते पुत्र के शव से लिपटकर मां झकझोरते हुए बेटा को उठने के लिए कह रही थी। मंजर देख कर न चाहते हुए भी लोगों की आंखें डबडबा गई थीं।

बताया जाता है कि रविवार को वज्रपात की चपेट में आने से माता-पिता के सामने खेत के पास खेल रहे मटुरखा निवासी दस वर्षीय नितेश कुमार पंडित की मौत हो गई, जबकि खेत में काम करते समय वज्रपात की चपेट में आने से फूलची गांव निवासी 35 वर्षीय किसान रमेश राय की मौत हो गई। घटना के बाद रमेश को सदर अस्पताल लाया गया। उसके शरीर में गोबर भी लगाया गया था। परिजन लगातार उसके पैर के तलवों को रगड़ रहे थे। परिजनों के आग्रह पर दो बार चिकित्सक ने जांच की और अंत में उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भी परिजन मानने को तैयार नहीं थे कि उसकी मौत हो गई है। अन्य परिजन एवं लोगों के समझाने के बाद पीड़ित परिवार बुझे मन से किनारे बैठ गए।

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