रानी मिस्त्री बन आत्मनिर्भर बनी आरती

बिरनी बिरनी प्रखंड अंतर्गत कपिलो पंचायत के रजमनियां गांव की रहने वाली दसवीं कक्षा पास गृहण्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:40 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:40 PM (IST)
रानी मिस्त्री बन आत्मनिर्भर बनी आरती
रानी मिस्त्री बन आत्मनिर्भर बनी आरती

बिरनी : बिरनी प्रखंड अंतर्गत कपिलो पंचायत के रजमनियां गांव की रहने वाली दसवीं कक्षा पास गृहणी आरती देवी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और जज्बे के कारण एक मिसाल बन गई है। पिछले चार वर्षो से रानी मिस्त्री बनकर न केवल आत्मनिर्भर बनी, बल्कि स्वजनों का भरण-पोषण करते हुए परिवार की गाड़ी भी खींच रही है।

वर्ष 2017 में लिया रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण : आरती देवी को शुरू से ही आत्मनिर्भर बनने और घर-परिवार के लिए कुछ करने की ललक थी। उसकी इच्छा थी कि वह भी अपने परिवार के लिए कुछ करें और आत्मनिर्भर बने। इसी सोच के साथ उसने गांव में वर्ष 2016 में स्वयं सहायता समूह का गठन किया। गांव में सक्रिय होकर काम करने लगी। वर्ष 2017 में उसने रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद वह रानी मिस्त्री बन गई। रानी मिस्त्री बनने के बाद स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में शौचालय बनाने लगी। रानी मिस्त्री से उसकी पहचान गांव समाज में होने लगी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सैकड़ों शौचालय बनाई। समूह गठन में बेहतर कार्य करने लगी।

अपने निर्णय पर रही अडिग :

वर्तमान में वह आजीविका महिला ग्राम संगठन रजमनियां गांव की लेखपाल है। जब कार्य करना शुरू किया तो लोगों ने उस पर कई तरह की टीका-टिप्पणी की, लेकिन इस ओर उसने थोड़ा भी ध्यान नहीं दिया और न ही इससे घबराई। अपने फैसले पर अडिग रहकर वह अपना काम करती रही। आज वह आत्मनिर्भर बनकर न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है, बल्कि गांव-समाज में अलग पहचान भी बना ली है।

बेहतर कार्य से हुई सम्मानित : स्वच्छ भारत मिशन के तहत रानी मिस्त्री आरती देवी ने गांवों में बेहतर, आकर्षक व गुणवत्तापूर्ण सैकड़ों शौचालय बनाया। उसके कार्य की प्रखंड से लेकर जिला प्रशासन ने काफी सराहना की। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से उसे सम्मानित भी किया गया।

दैनिक जागरण से मिली प्रेरणा : आरती ने बताया कि वह दैनिक जागरण की नियमित पाठक है। इसमें सात सरोकार से संबंधित खबरें प्रकाशित होती रहती हैं। इसके तहत प्रकाशित होनेवाली नारी सशक्तीकरण और अन्य जगहों में अपने बलबूते आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाओं से संबंधित खबरें पढ़ती थी। इसी से उसे प्रेरणा मिली और उसने आत्मनिर्भर बनने और परिवार की आर्थिक मदद करने का संकल्प लिया। वह आज भी गांव-गांव में जाकर स्वयं सहायता समूहों का गठन कर इससे महिलाओं को जोड़ रही हैं।

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