दुष्कर्म पीड़िता पर पंचायत ने ठोका पांच लाख का जुर्माना, सामाजिक बहिष्कार

Panchayat. पंचायत ने दुष्कर्म पीड़िता को अछूत मानकर गंगा स्नान करने और पूजा पाठ कर भोज भंडारा कराने की सजा सुनाई। बाद में पांच लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Jan 2019 01:45 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jan 2019 01:45 PM (IST)
दुष्कर्म पीड़िता पर पंचायत ने ठोका पांच लाख का जुर्माना, सामाजिक बहिष्कार
दुष्कर्म पीड़िता पर पंचायत ने ठोका पांच लाख का जुर्माना, सामाजिक बहिष्कार

जागरण संवाददाता, गढ़वा। पंचायत जिससे लोगों को न्याय की उम्मीद होती है, वही पंचायत न्याय देने के बदले तालिबानी फरमान सुनाकर पीड़िता पर जुर्माना लगाए और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दे, ऐसी निरंकुश व तानाशाह पंचायत को क्या कहा जाए। पंचायत की ऐसी ही शर्मनाक घटना मेराल थाना क्षेत्र के एक गांव में दुष्कर्म पीड़िता के साथ घटी। पहले तो पंचायत ने दुष्कर्म पीड़िता को अछूत मानकर गंगा स्नान करने और पूजा पाठ कर भोज भंडारा कराने की सजा सुनाई। फिर बाद में पंचायत ने दंडस्वरूप पांच लाख रुपये का जुर्माना दुष्कर्म पीड़िता पर ही ठोक दिया।

पंचायत की दादागिरी यहीं नहीं रुकी उसने पीड़िता को स्वास्थ्य सहिया का काम छोड़ने का भी फरमान सुना दिया। बार-बार की प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। जहर खाने वाली महिला का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। बताया जाता है कि महिला के साथ उसके गांव के ही एक युवक ने डेढ़ माह पूर्व दुष्कर्म किया था। इस मामले में आरोपित युवक को पुलिस ने जेल भी भेज दिया है, लेकिन दुष्कर्म की घटना के बाद महिला के स्वजातीय पड़ोसियों ने उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार शुरू कर दिया है।

उन्होंने दबाव बनाकर महिला व उसके पति को वाराणसी में जाकर गंगा स्नान कर श्रीसत्यनारायण कथा करवाने व भंडारा करने का दंड सुनाया था। इस पर महिला व उसके परिजनों ने अमल भी किया, लेकिन उक्त आयोजन में गांव के कुछ स्वजातीय लोग उसके घर भोजन में शामिल नहीं हुए। इसके बाद भी महिला के साथ प्रताड़ना का दौर जारी रहा।

स्वास्थ्य सहिया का काम भी छोड़ने का फरमान सुनाया

पिछले सप्ताह स्वजातीय लोगों ने पंचायत में बुलाकर दुष्कर्म पीडि़ता पर ही दंडस्वरूप पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। इसके साथ ही स्वास्थ्य सहिया का काम भी छोड़ने का फरमान सुना दिया। 20 जनवरी को इस मुद्दे पर फिर पंचायत बुलाई गई थी। महिला के परिजनों को गांव के लोगों को पंचायत में बुलाने को कहा गया। जब परिजनों ने इस पर अमल नहीं किया तो स्वजातीय लोग उग्र तेवर में उसके परिवारवालों को देख लेने की धमकी देने लगे। इन सबसे तंग आकर उक्त महिला ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की अभी वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है।

घटना के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-संदीप कुमार गुप्ता, मुख्यालय डीएसपी, गढ़वा।

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