सर्पदंश पीड़ितों को बचाने की स्वास्थ्य विभाग की तैयारी अधूरी

अंजनी कुमार उपाध्यायगढ़वा बरसात का मौसम शुरू होते ही जिले में सर्पदंश के मामले सामने आ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:15 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:15 PM (IST)
सर्पदंश पीड़ितों को बचाने की स्वास्थ्य विभाग की तैयारी अधूरी
सर्पदंश पीड़ितों को बचाने की स्वास्थ्य विभाग की तैयारी अधूरी

अंजनी कुमार उपाध्याय,गढ़वा :

बरसात का मौसम शुरू होते ही जिले में सर्पदंश के मामले सामने आने लगे है़ं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तैयारी अधूरी ही दिखती है़। सदर अस्पताल व श्रीबंशीधर नगर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल के अलावा छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ही सर्पदंश की दवा यानी एंटी वेनम उपलब्ध है़। जबकि जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र आदि में एंटी वेनम उपलब्ध नहीं है़। बताते चलें कि जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 10 तथा स्वास्थ्य उपकेंद्र की संख्या 117 है़। सदर अस्पताल में फिलवक्त 150 एंटीवेनम इंजेक्शन स्टाक में उपलब्ध है़। इसके अलावा श्रीबंशीधर नगर, धुरकी, भवनाथपुर, मझिआंव, रंका व भंडरिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी पर्याप्त संख्या में एंटीवेनम उपलब्ध है़ं। लेकिन सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे अस्पतालों में इसके उपलब्ध नहीं होने के कारण सांप काटने के बाद लोगों के जान जाने का खतरा बना हुआ है़। क्योंकि गढ़वा जिले में बहुतायात मात्रा में पाये जानेवाले सांप कोबरा यानी फणिक, करैत आदि विषैले सांप के काटने के बाद मरीज का इलाज करने के लिए कम समय रहता है़। यदि कुछ ही समय में इलाज शुरू नहीं किया जाता है, तो जहर के पूरे शरीर में फैलने से सर्पदंश पीड़ित की मौत हो सकती है़। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सिर्फ सदर अस्पताल में ही बरसात के मौसम में एक सौ से ज्यादा सर्पदंश से पीड़ित मरीज को भर्ती कराया जाता है़। जबंकि जिले के जंगली क्षेत्र के समीपवर्ती गांवों में बहिराजाड़ा नामक सांप के डंस लेने के मामले सामने आते हैं। इसमें पीड़ितों के शरीर में सूजन व दर्द होती है। --दवा रखने के लिए फ्रीज की व्यवस्था नहीं - जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित 117 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में एंटीवेनम दवा की व्यवस्था का होना आवश्यक है, क्योंकि सभी स्वास्थ्य उपकेंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में ही संचालित है़ं, जहां दवा होने की स्थिति में सर्पदंश से पीड़ित मरीज को भर्ती कर तत्काल इलाज शुरू किया जा सकता है़। जबकि स्वास्थ्य विभाग की मानें तो स्वास्थ्य उपकेंद्रों में दवा रखने के लिए फ्रीज की व्यवस्था नहीं है़। इस कारण दवा को सुरक्षित रखना संभव नहीं है।

-ओझा-गुणी से सर्पदंश पीड़ित का झाड़फूंक कर होता है इलाज -

ग्रामीण क्षेत्र में सर्पदंश पीड़ितों का अस्पताल दूर होने के कारण अक्सर ओझा-गुणी के पास ले जाया जाता है। वहां जब स्थिति गंभीर होने लगती है़, तब लोग अस्पतालों में पीड़ित को लेकर आते हैं।

-पक्ष-

सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम व एंटीरैबिज के इंजेक्शन मौजूद है़ं। पीएचसी व स्वास्थ्य उपकेंद्रों में रखरखाव की सुविधा नहीं है।

--डा कमलेश कुमार, सिविल सर्जन, गढ़वा।

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