मरीज से पैसे मांगने वाली चार नर्सो का तबादला

संवाद सहयोगी गढ़वा सदर अस्पताल के लेबर रूम में मरीज के स्वजनों नर्स व सफाईकर्मियों के बीच

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:34 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:34 PM (IST)
मरीज से पैसे मांगने वाली चार नर्सो का तबादला
मरीज से पैसे मांगने वाली चार नर्सो का तबादला

संवाद सहयोगी, गढ़वा : सदर अस्पताल के लेबर रूम में मरीज के स्वजनों, नर्स व सफाईकर्मियों के बीच इलाज के नाम पर सौदेबाजी करने से संबंधित वायरल वीडियो के मामले में चार स्टाफ नर्सों पर कार्रवाई करते हुए उनका तबादला कर दिया गया है। इनमें स्टाफ नर्स नीलू कुमारी को सीएचसी भंडरिया, स्टाफ नर्स ममिता कुजूर व स्टाफ नर्स सलेना डोडेराय को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कांडी तथा स्टाफ नर्स प्रीति कुमारी को सीएचसी भवनाथपुर भेजा गया है। इससे संबंधित सिविल सर्जन कार्यालय के पत्रांक 1209 दिनांक 11 जून 2021 में वायरल वीडियो से संबंधित मामले की जांच में उक्त चारों स्टाफ नर्स की सहभागिता प्रमाणित होने के पश्चात निलंबन रद कर प्रशासनिक ²ष्टिकोण से सदर अस्पताल से तबादला किए जाने की बात कही गई है। बताते चले कि इस मामले की जांच के लिए सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डा संध्या टोपनो की अध्यक्षता में बनी चार सदस्यीय कमेटी ने नौ जून को ही जांच रिपोर्ट सौंप दिया था।

--क्या था वायरल वीडियो का मामला --

छह जून 2021 की देर शाम को एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें सदर अस्पताल के लेबर रुम में तीन जून 2021 को इलाज कराने पहुंची कांडी थाना के पतीला गांव की रक्तस्त्राव से पीड़ित गर्भवती महिला फातिमा खातून के स्वजनों से नर्स एवं सफाईकर्मियों ने 2500 रुपये मांग किया था। बताया गया कि पैसे का लेकर मरीज का इलाज कर दिया गया। लेकिन आपसी लेनदेन में ही पहले से अस्पतालकर्मियों के बीच खींचतान चल रहा था। क्षुब्ध कर्मियों में से किसी ने इस सौदेबाजी प्रकरण का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। उसमें संलिप्त नर्स समेत सात कर्मियों को सिविल सर्जन द्वारा निलंबित किया गया था। इसमें एनएचएम की चार स्टाफ नर्सों नीलू कुमारी, प्रीति कुमारी, ममिता कुजूर व सेलिना डोडेराय के अलावा स्टाफ नर्स आउटसोर्स करिश्मा कुमारी तथा सफाईकर्मी आउटसोर्स सोनी बीबी व रीता देवी भी शामिल थी। इनमें चार स्टाफ नर्सों पर तबादले के रूप में कार्रवाई की गाज गिरी है. जबंकि आउटसोर्स की स्टाफ नर्स व सफाईकर्मियों के मामले में उनकी नियोक्ता कंपनियों को निर्णय लेना है।

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