नियमों की अनदेखी कर चल रहीं एसएचजी की पीडीएस दुकानें

अंजनी कुमार उपाध्याय गढ़वा जिले में स्वयं सहायता समूह को आवंटित कई पीडीएस दुकानों में नियमों की हो रही अनदेखी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 06:01 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 05:17 AM (IST)
नियमों की अनदेखी कर चल रहीं एसएचजी की पीडीएस दुकानें
नियमों की अनदेखी कर चल रहीं एसएचजी की पीडीएस दुकानें

अंजनी कुमार उपाध्याय, गढ़वा : जिले में स्वयं सहायता समूह को आवंटित कई पीडीएस दुकानों में नियमों की अनदेखी की जा रही है। समूह को आवंटित दुकान का संचालन किसी एक सदस्य द्वारा किया जा रहा है। इससे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की योजना समुचित रूप से कार्यान्वित नहीं हो पा रही है। जिले में कई संस्थाओं द्वारा एसएचजी का गठन किया गया है। जिन्हें बैंकों से लिक करके आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऋण भी दिए गए हैं। जिससे कई स्वयं सहायता समूह अपने उद्देश्य के अनुरुप आत्मनिर्भर बनने के लिए कार्य कर रहे हैं। जबकि जिन स्वयं सहायता समूहों को पीडीएस दुकान का लाइसेंस मिला है, उनमें समूह के अन्य सदस्यों को दरकिनार कर एक व्यक्ति द्वारा पूरे कारोबार के संचालन किए जाने से विवाद भी सामने आ रहे हैं। इस कारण न तो समूह की बैठक हो रही है और न ही समूह के अन्य उद्देश्यों को पूरा किया जा रहा है। वहीं कई एसएचजी में अध्यक्ष द्वारा सदस्यों को ही बदलकर अपने नजदीकी लोगों को शामिल कर लिया जा रहा है। इस कारण भी स्वयं सहायता समूह के सदस्यों में विवाद हो रहे हैं। इस संबंध में जेएसएलपीएस के आइपीआरपी संजय रजक बताते हैं कि समूह को पांच नियमों के आधार पर संचालित किया जाता है। इनमें साप्ताहिक बैठक, साप्ताहिक बचत, आंतरिक उधार देना, सही तरीके से ऋण वापस करना आदि शामिल हैं। वे बताते हैं कि जब समूह का बैठक नहीं किया जा रहा है तो फिर उस समूह का अस्तित्व ही नहीं है।

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- केस स्टडी- एक-

मेराल प्रखंड के छपरवार में शीतल महिला समूह को वर्ष 2014 में जनवितरण प्रणाली दुकान आवंटित किया गया है। दुकान का लाइसेंस नंबर 30-2014 है। दुकान आवंटित होने के बाद अध्यक्ष देवरानी देवी द्वारा कुछ समय तक समूह के सदस्यों की सहमति से संचालन किया गया। बाद में समूह की सचिव धानेश्वरी देवी, कोषाध्यक्ष लीलावती देवी समेत अन्य नौ सदस्यों से किनाराकशी कर लिया। अब अध्यक्ष स्वयं ही पीडीएस दुकान का संचालन करती है। एसएचजी का बैठक भी नहीं किया जा रहा है। शीतल महिला समूह का नाम आनलाइन भी नहीं है। समूह की सदस्यों द्वारा जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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-केस स्टडी- दो -

केतार प्रखंड के कतरी गांव में आदर्श महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों में भी विवाद चल रहा है। इस समूह को भी जनवितरण प्रणाली की दुकान लाइसेंस नंबर 05-2010 आवंटित है। इन दिनों समूह की अध्यक्ष गुड्डी देवी ने सचिव पानकली देवी, कोषाध्यक्ष कमला देवी समेत कई सदस्यों को समूह से हटाकर नियमों के विपरीत दूसरा बैंक खाता खोल लिया गया है। वहीं लाइसेंस निर्गत कराने में दुकान के निर्धारित स्थान को भी बदल दिया गया है।

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