डीएसई ने जिले के 76 शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण

डीएसई ने शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र नहीं देने के आरोप में जिले के 76 शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण - कहा बिना प्रमाण पत्र सत्यापन कराये ही शिक्षक पा रहे हैं नियमित भुगतान जागरण संवाददाता गढ़वा जिला शिक्षा अधीक्षक अखिलेश चौधरी ने शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र नहीं देने के आरोप में जिले के विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित 76 शिक्षकों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण की मांग की है। इस बाबत जारी आदेश में जिला शिक्षा अधीक्षक ने उल्लेख किया है कि उक्त सभी 76 शिक्षक बिना प्रमाण-पत्र सत्यापन कराये ही नियमित भुगतान पा रहे हैं जो शिक्षकों के नियुक्ति के शर्तों के प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि नियत समय पर स्पष्टीकरण नहीं देने वाले शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। जिन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है उनमें रंका प्रखंड के 5 भवनाथपुर के 2 भंडरिया के 5 चिनियां के 3 मेराल के 6 मझिआंव के 5 धुरकी के 5 खरौंधी के 1 बरडीहा के 4 बड़गड़ के 2 कांडी के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 06:52 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 06:22 AM (IST)
डीएसई ने जिले के 76 शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण
डीएसई ने जिले के 76 शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता, गढ़वा : जिला शिक्षा अधीक्षक अखिलेश चौधरी ने शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र नहीं देने के आरोप में जिले के विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित 76 शिक्षकों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण की मांग की है। इस बाबत जारी आदेश में जिला शिक्षा अधीक्षक ने उल्लेख किया है कि उक्त सभी 76 शिक्षक बिना प्रमाण-पत्र सत्यापन कराए ही नियमित भुगतान पा रहे हैं, जो शिक्षकों की नियुक्ति के शर्तों के प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि नियत समय पर स्पष्टीकरण नहीं देने वाले शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। जिन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है उनमें रंका प्रखंड के 5, भवनाथपुर के 2, भंडरिया के 5, चिनियां के 3, मेराल के 6, मझिआंव के 5, धुरकी के 5, खरौंधी के 1, बरडीहा के 4, बड़गड़ के 2, कांडी के 8, केतार के 4, रमकंडा के 5, रमना के 2, सगमा के 2, डंडई के 7, श्रीबंशीधर नगर के 5 तथा गढ़वा प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित पांच शिक्षकों का नाम शामिल है। इधर विभाग से स्पष्टीकरण मिलने के बाद उक्त शिक्षकों का कहना था कि इन्होंने विभाग में सत्यापन के लिए अपना सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण- पत्र जमा करा दिया है। बावजूद विभाग से इस प्रकार का स्पष्टीकरण किया जाना हमारी समझ से परे है।

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