कोविड अस्पताल में युवक की मौत मामले की हो न्यायिक जांच: सत्येंद्रनाथ

कोविड अस्पातल में युवक की मौत को बताया संदिग्ध हो जांच मानवाधिकार संगठनों ने भी उठाई आवा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 05:34 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 05:34 PM (IST)
कोविड अस्पताल में युवक की मौत मामले की हो न्यायिक जांच: सत्येंद्रनाथ
कोविड अस्पताल में युवक की मौत मामले की हो न्यायिक जांच: सत्येंद्रनाथ

कोविड अस्पातल में युवक की मौत को बताया संदिग्ध, हो जांच मानवाधिकार संगठनों ने भी उठाई आवाज, शिकायत करने की बात कही

फोटो- 6- सत्येंद्रनाथ तिवारी, पूर्व विधायक, गढवा

संवाद सहयोगी, गढ़वा : कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित युवक की मौत पर पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सवाल उठाते हुए मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। साथ ही इसे संदिग्ध मौत बताते हुए सिविल सर्जन को बर्खास्त करने एवं एफआईआर दर्ज कराने की मांग राज्य सरकार से की है। साथ ही साथ मृतक के स्वजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने व परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कोरोना महामारी विकराल रूप धारण कर चुका है। लेकिन महागठबंधन की सरकार राज्य की सवा तीन करोड़ जनसंख्या को भगवान भरोसे छोड़ कर लूट में व्यस्त है। केंद्र सरकार द्वारा सैकड़ों की संख्या में वेंटीलेटर झारखंड को मुहैया कराई गई थी लेकिन राज्य सरकार अभी तक अधिकांश जिला अस्पतालों में उन वेंटिलेटरों को चालू तक नहीं किया गया। जिसका खामियाजा आमजन को आज प्राण की आहुति देकर चुकानी पड़ रही है। राज्य के अस्पतालों में दवाई, बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर इत्यादि के अभाव में प्रतिदिन दर्जनों कोरोना संक्रमित मरीज जान गंवा रहे हैं। इधर, इस मामले को लेक गढ़वा जिला मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल व ज्ञान विज्ञान समिति गढ़वा ने मामले की जांच करते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से करने की बात कही है। इसके लिए पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच करने का निर्णय लिया है। गढ़वा जिला ज्ञान विज्ञान समिति के अध्यक्ष संजय तिवारी तथा गढ़वा पीयूसीएल के सचिव सुरेश मानस ने कहा कि यह एक गंभीर मानवाधिकार का मामला है। नीरज उपाध्याय की मृत्यु के पीछे गंभीर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है।

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