प्रवासी मजदूरों ने भागोडीह सुपर पावर ग्रिड का बंद कराया काम

स्थानीय प्रवासी मजदूरो ने काम की मांग को लेकर मंगलवार को भागोडीह सुपर पावर ग्रिड के संवेदक का घेराव करते हुए निर्माण कार्य ठप करा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 07:10 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 07:10 PM (IST)
प्रवासी मजदूरों ने भागोडीह सुपर पावर ग्रिड का बंद कराया काम
प्रवासी मजदूरों ने भागोडीह सुपर पावर ग्रिड का बंद कराया काम

संवाद सूत्र, रमना (गढ़वा) : प्रवासी मजदूरों ने काम की मांग को लेकर मंगलवार को भागोडीह सुपर पावर ग्रिड के संवेदक का घेराव करते हुए निर्माण कार्य ठप करा दिया। सुबह सात बजे काफी संख्या में ग्रिड पहुंचे मजदूरों ने बताया कि वे लोग लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न प्रदेशों से घर वापस लौटे हैं। स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिलने के कारण उनलोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं पावर ग्रिड में काम होने के बावजूद उन्हें काम नहीं दिया जा रहा है। मजदूरों ने बताया कि उनलोगों को पिछले एक सप्ताह से काम के लिए बुलाया जा रहा है लेकिन काम देने के बजाय बैरंग वापस लौटा दिया जा रहा है। वहीं बाहरी मजदूरों को लगातार काम दिया जा रहा है। जिससे बाध्य होकर उनलोगों ने निर्माण कार्य ठप करा दिया है। स्थानीय प्रवासी मजदूरों ने ग्रिड निर्माण कार्य के संवेदक पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि जो काम ग्रिड में करना है वह सभी कार्य वेलोग जानते हैं तथा यही कार्य वे लोग चेन्नई, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात, आंध्रप्रदेश और गोवा जाकर करते हैं। आज जबकि घर में काम मौजूद है। बावजूद उनलोगों को काम नहीं दिया है। मजदूरों ने बताया कि यदि प्रबंधन चाहे तो उन सभी लोगों एक वर्ष तक इस ग्रिड में काम दिया जा सकता है लेकिन ग्रिड निर्माण करा रही कंपनी के कर्मचारी कमीशन लेकर बाहरी लोगों को काम दिला रहे है। वहीं स्थानीय मजदूरों को काम नहीं होने का बहाना बनाकर घर वापस भेज दिया जाता है। लगभग चार घंटे तक मजदूरों ने ग्रिड के अंदर प्रबंधन के विरुद्ध जमकर प्रदर्शन किया। लगभग 11 बजे ग्रिड पहुंचे साइड इंचार्ज रमेश कुमार रत्न की ओर से आवश्यकता और दक्षता के अनुसार स्थानीय मजदूरों को काम में प्राथमिकता देने के आश्वासन के बाद मजदूरों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। तत्पश्चात ग्रिड निर्माण का शेष बचा हुआ कार्य पुन: शुरू हो सका। मौके पर अजित चन्द्रवंशी, उमाशंकर यादव, ब्रजेश यादव, प्रभु चौधरी, जितेंद्र पटेल, आनंद पाल, अनिल चौधरी, बिहारी गुप्ता, सतार बैठा, कमलेश मेहता, दिलीप मेहता, शहजाद बैठा, परदेशी राम सहित लगभग डेढ़ सौ स्थानीय प्रवासी मजदूर शामिल थे।

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