वैज्ञानिक सोच अपनाएं, अंधविश्वास से रहें दूर : सुमन रानी

श्री बंशीधर नगर सरस्वती विद्या मंदिर में शनिवार को वैज्ञानिक सोच के विकास पर कार्यशाला क।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 04:36 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 04:36 PM (IST)
वैज्ञानिक सोच अपनाएं, अंधविश्वास से रहें दूर : सुमन रानी
वैज्ञानिक सोच अपनाएं, अंधविश्वास से रहें दूर : सुमन रानी

श्री बंशीधर नगर : सरस्वती विद्या मंदिर में शनिवार को वैज्ञानिक सोच के विकास पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि प्लस टू उच्च विद्यालय के प्राचार्या सुमन रानी जायसवाल, सह सचिव राजकुमार प्रसाद, कोषाध्यक्ष अनिल विश्वकर्मा, व्याख्याता बेबी कुमारी, प्रधानाचार्य कृष्णकांत दुबे ने संयुक्त रूप से भारत माता, ओम, मां शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला का उद्देश्य विस्तृत वर्णन करते हुए प्रधानाचार्य कृष्ण कांत दुबे ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है भारतीय संस्कृति के संरक्षण संव‌र्द्धन एवं उत्थान के लिए देश में विद्या भारती द्वारा षष्ठ से ऊपर तक की कक्षाओं के भैया बहनों के लिए वैज्ञानिक सोच का विकास हेतु कार्यशाला वर्ष में एक बार की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे रीति रिवाज एवं अनुष्ठानों के पीछे वैज्ञानिक पहलुओं को समझना होगा जैसे हाथ जोड़कर नमस्कार करना मंदिर में घंटी बजाना हवन यज्ञ करना इत्यादि। उन्होंने कहा की अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं के विषय में जानकारी रखनी चाहिए हमें वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजम, एपीजे अब्दुल कलाम, सर सी वी रमन, विक्रम साराभाई, जगदीश चंद्र बसु आदि वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए अनुसंधानो की पूर्ण जानकारी प्राप्त करना यही वैज्ञानिक सोच का विकास है। मुख्य अतिथि श्रीमती सुमन कुमारी जायसवाल ने कहा कि हमारे समाज में फैले अंधविश्वासों को हम इसी वैज्ञानिक सोच के द्वारा दूर कर सकते हैं इसलिए यहां कार्यशाला आज के परिवेश में बहुत ही सार्थक है। कार्यशाला में विज्ञान शिक्षक कमलेश पांडे ने बताया कि हमारा देश जगतगुरु रहा है ब्रिटिश काल खंड में हमारे शिक्षा पद्धति का ह्रास हुआ। उन्होंने आइंस्टीन के द्वारा कही गई बात को दोहराते हुए कहा कि जो जीवन में असफल नहीं हुआ वह सफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा की बिना वैज्ञानिक सोच के हम और हमारा देश निश्चित नहीं हो सकता। कार्यक्रम में बहन पिजल, पलक ,कीर्ति, सेजल, निशि ,खुशी ने स्वागत गीत प्रस्तुत की। कार्यशाला में आचार्य नीरज सिंह, दीपक कुमार, विवेक पाठक, अविनाश कुमार, रामकिशुन साहू, जय प्रकाश चौधरी, नरेंद्र राम, पूजा सिंह, आरती कुमारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मंच संचालन बहन साक्षी व आचार्य कौशलेंद्र झा ने संयुक्त रूप से किया।

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