उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित लौटे मतदान कर्मी

हजारीबाग सर्वाधिक उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र बरही विधानसभा अतंर्गत आने वाले चौपारण के भगहर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 07:42 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 06:21 AM (IST)
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित लौटे मतदान कर्मी
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित लौटे मतदान कर्मी

हजारीबाग : सर्वाधिक उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र बरही विधानसभा अतंर्गत आने वाले चौपारण के भगहर और पत्थलगड्डा के अंतर्गत आने वाले छह बूथ, मांडू विधानसभा के अंतर्गत आने वाले विष्णुगढ़ और मांडू के 14 बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान के बाद मतदानकर्मियों को 13 दिसंबर शुक्रवार को सुरक्षित वापस लाया गया। सेना की चौपर के से सभी मतदानकर्मी वापस लौट गए। 20 बूथों के 80 मतदानकर्मियों को वापस लौटे। इनकी सकुशल रिहाई के बाद जिला प्रशासन ने जहां राहत की सांस ली। वहीं कर्मियों ने सुरक्षा देने के लिए जवान व पदाधिकारियों के साथ साथ वायु सेना के जवान व पायलट के प्रति भी आभार प्रकट किया।

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गाल्होबार, नरकी कलां, भगहर और पत्थलगड्डा में बनाया गया था कलस्टर

उग्रवाद प्रभावित 20 बूथों पर हेलीकाप्टर के माध्यम से कर्मी गए थे। कर्मियों के लिए कलस्टर के रुप में सुदरवर्ती उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र

विष्णुगढ़ के गाल्होबार, नरकी कलां, भगहर और पत्थलगड्डा में कलस्टर बनाया गया था। गाल्होबार में

नव प्राथमिक विद्यालय खरकी पूर्वी भाग, पश्चिमी भाग, नया भवन, मध्य विद्यालय गाल्होबार नया भवन, पूर्वी भाग, मध्य भाग तथा मध्य विद्यालय गाल्होबार, नव प्राथमिक विद्यालय तरवा टाड़, न्यू पंचायत भवन गाल्होबार बूथ के मतदानकर्मी जमे थे। वहीं नरकी के कलां कलस्टर में पूर्वी, मध्य विद्यालय नरकी कलां पश्चिम, नव प्राथमिक विद्यालय गंझडी, बरही विधानसभा के चौपारण क्षेत्र के भगहर, मध्य विद्यालय भगहर के पूर्वी, उर्दू मध्य विद्यालय परसातरी उतर, दक्षिण तथा चौपारण के पत्थलगड्डा मध्य विद्यालय को कलस्टर बनाया गया था। इन चार स्थानों से हेलीकाप्टर के माध्यम से मतदानकर्मी को वापस लाया गया।

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कहीं नहीं था खौफ, सुरक्षा बल थे चौकस : प्रबोध सिन्हा

जिला कल्याण कार्यालय के नाजीर प्रबोध कुमार सिन्हा को वायु सेना के चोपर से 11 दिसंबर को

गाल्होबार हेलीकाप्टर से पहुंचाया गया। पुन : शांतिपूर्ण मतदान के बाद 13 दिसंबर को मतदानकर्मियों को लेकर चोपर पीटीसी मैदान में उतरा।

पीटीसी मैदान में दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए बताया कि अब माओवादी रहे नही। बताया कि गाल्होबार के नाम से डर था, लेकिन जैसा नाम वैसा कुछ भी नहीं देखने को मिला। सुरक्षा बल पहले से वहां मौजूद थे और हम सब एक साथ रहे। सकुलश घर वापसी हो गई तो हम सब ने राहत की सांस ली।

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