विद्यालयों के यू डायस का उपयोग कर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में किया गया फर्जीवाड़ा

संदीप केसरी शौर्य गढ़वा जिले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में हुए लगभग 4.48 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति राशि की निकासी फर्जीवाड़ा कर किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:28 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:28 PM (IST)
विद्यालयों के यू डायस का उपयोग कर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में किया गया फर्जीवाड़ा
विद्यालयों के यू डायस का उपयोग कर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में किया गया फर्जीवाड़ा

संदीप केसरी शौर्य, गढ़वा :

जिले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में हुए लगभग 4.48 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा के तार शिक्षा विभाग से भी जुड़ रहे हैं। हालांकि उक्त छात्रवृत्ति का भुगतान कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। मगर विभिन्न विद्यालयों को यू डायस कोड शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जाता है। यू डायस कोड का उपयोग कर छात्रवृत्ति फर्जीवाड़ा रैकेट से जुड़े लोगों ने जिले के 4,189 छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति की राशि निकाल ली है। सबसे बड़ी बात है कि चार वर्ष से बंद राम प्यारी विद्या निकेतन के यू डायस कोड का भी उपयोग कर छात्रवृत्ति की राशि की निकासी कर ली गई है। अब यहां सवाल यह उठता है कि जब विद्यालय बंद है तो उसके यू डायस कोड को बंद करने की जिम्मेदारी किसकी है। किस स्तर पर लापरवाही बरती गई। और हां यदि यू डायस कोड को बंद भी कर दिया गया है तो आखिर कैसे फर्जीवाड़ा से जुड़े लोगों ने इसका उपयोग कर लिया। उन्हें विद्यालयों का यू डायस कोड, नोडल पदाधिकारी का यूजर आईडी व पासवर्ड कहां से मिला। यह जांच का विषय है। यदि इस मामले की गंभीरता से जांच होती है तो कल्याण विभाग ही नहीं, शिक्षा विभाग व कई लोग इस जांच के दायरे में आएंगे इसमें संदेह की बात नहीं है। जानकारों का यह भी कहना है कि छात्रवृति फर्जीवाड़ा में बड़ा रैकेट काम कर रहा है। जिसमें कई वरीय पदाधिकारियों की भी संलिप्तता हो सकती है। क्योंकि बगैर मिलीभगत के इतने बड़े कार्य को अंजाम दिया जाना संभव नहीं दिखता। अल्पसंख्यक छात्रवृति पाने के लिए राष्ट्रीय छात्रवृति योजना के आनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होता है। जिसमें विद्यालय के यू डायस कोड का उपयोग करते हुए आगे की प्रक्रिया की जाती है। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में नोडल पदाधिकारी बनाए जाते हैं। जिनके द्वारा सर्वप्रथम आनलाइन प्राप्त आवेदन की सत्यता की जांच करते हुए उसे स्वीकृति प्रदान की जाती है। सभी प्रकार की प्रक्रिया पदाधिकारियों के लोगिन के माध्यम से होता है। जिला से लेकर, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आनलाइन जांच व प्रक्रिया के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा छात्रवृति की राशि छात्रों के बैंक खाते में भेजी जाती है। बावजूद इसके इतनी बड़े फर्जीवाड़ा को आखिर कैसे अंजाम दिया गया। यह सोचने वाली बात है। यानि इसमें इस रैकेट के अलावा पदाधिकारियों की मिली भगत भी सामने आ सकती है।

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पक्ष

शिक्षा विभाग द्वारा यू डायस जारी किया जाता है। मगर यह जांच का विषय है कि बंद विद्यालय के यू डायस का उपयोग कैसे कर लिया गया। हालांकि छात्रवृति का यह मामला पूरी तरह से कल्याण विभाग का है इसमें हमारी कोई संलिप्तता नहीं है। राम प्यारी विद्या निकेतन का यू डायस कोड वर्ष 2016 17 में ही बंद कर दिया गया है। बावजूद इसके आखिर कैसे इसका उपयोग किया गया है। हम इसकी जांच कराएंगे।

राम प्रसाद मंडल

जिला शिक्षा पदाधिकारी

गढ़वा

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