अतिक्रमण व प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक दर्जन तालाब व बांध के अस्तित्व पर संकट
सत्यप्रकाश रवानी रमना (गढ़वा) रमना प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में पूर्वजो में
सत्यप्रकाश रवानी, रमना (गढ़वा) : रमना प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में पूर्वजों ने जल संरक्षण व सिचाई के उद्देश्य से कई बांध और तालाब का निर्माण करवाया। परंतु अतिक्रमण व प्रशासनिक लापरवाही के कारण वर्तमान समय में उक्त सभी बांध और तालाब के अस्तित्व पर ही संकट आ पड़ा है। समय रहते शासन प्रशासन और आम ग्रामीण संवेदनशील नहीं होते हैं तो लोगों को नुकसान झेलना पड़ सकता है। प्रखंड के गम्हरिया पंचायत में जिरुवा जलाशय,चना कला डैम,गोविद बांध, सुंदर बांध, बुलका के बरहिया डैम,मनिया पंचायत के छेरगुदरी बांध,कृष्णा,छिपिताली,भागवती के नौका आहार,भाव सागर बांध, रमना के बुढ़वा,नवका,गुलरही बांध के अलावे टंडवा, बहीयार कला, बहीयार खूर्द, कर्णपुरा, हरादाग कला आदी पंचायतो में कई ऐसे बांध, आहर और तालाब है जिसमें कमोवेश सालों भर पानी जमा रहता था। लेकिन उचित रखरखाव नही होने के कारण और जल अधिग्रहण क्षेत्रों में खेती के लिए अतिक्रमण कर लिए जाने के कारण सभी बांध अपने अस्तित्व को खोते जा रहे हैं। लिहाजा कभी जल संरक्षण के उद्देश्य से बनाए गए बांध आज लोगों के स्वार्थ की बली चढ़ रहा है।गम्हरीया निवासी अमरेंद्र प्रजापति ने बताया कि पंचायत के सभी आहर, पोखर, बांध जर्जर हो चूके है। मरम्मती और गहरी करण के नाम पर सिर्फ सरकारी राशि की लूट हुई है। चना कला निवासी यशवंत पासवान ने कहा कि गांव में डैम और तालाब रखने के कारण भूमिगत जल श्रोत बना हुआ है लेकिन डैम, बांध और तालाब सभी जर्जर हो चूके है । सरकार और प्रशासन को जल संरक्षण के उद्देश्य से इसे मरम्मत कराना चाहिए। ताकि सालों भर पानी जमा रह सके।