सावन के पहले दिन बासुकीनाथ मंदिर में सन्नाटा

विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में श्रावण मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा उपरांत द्वितीया तिथि सह श्रावण माह के प्रथम दिवस पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। रविवार सुबह की सुबह दोपहर व रात्रि श्रृंगार पूजा में मंदिर के कुछ पुजारी व मंदिरकर्मी दिखे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:04 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 06:04 PM (IST)
सावन के पहले दिन बासुकीनाथ मंदिर में सन्नाटा
सावन के पहले दिन बासुकीनाथ मंदिर में सन्नाटा

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ (दुमका): विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में श्रावण मास, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा उपरांत द्वितीया तिथि सह श्रावण माह के प्रथम दिवस पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। रविवार सुबह की सुबह, दोपहर व रात्रि श्रृंगार पूजा में मंदिर के कुछ पुजारी व मंदिरकर्मी दिखे। उसके अलावा पूरे मंदिर परिसर व मेला क्षेत्र में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं बासुकीनाथ के मेला क्षेत्र में भी पूरी तरह वीरानी छाई रही।

मेला क्षेत्र के चूड़ी गली, पेड़ा गली, नागनाथ चौक, मुख्य बाजार, चौक काली, मंदिर रोड, दुर्गा मंदिर रोड, नगर पंचायत रोड, संस्कार मंडप रोड, कांवरिया पथ, पानी टंकी पथ सहित पूरे मेला क्षेत्र की 90 फीसद दुकानें बंद रहीं। बासुकीनाथ मंदिर के पंडित मणिकांत झा उर्फ मन्नौ बाबा, आशुतोष झा सहित अन्य पुरोहितों की मानें तो उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में ऐसी भयावह स्थिति लगातार दो वर्ष कोरोना काल की वजह से देखी। पंडा-पुरोहितों ने भी अपने-अपने घरों में ही रहकर भोलेनाथ की आराधना की व कोरोना के संक्रमण काल को जल्द खत्म करने की भोलेनाथ से गुहार लगाई है।

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पारंपरिक तरीके से हुआ धार्मिक अनुष्ठानों का निर्वहन

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण राज्य सरकार ने श्रावणी मेला के आयोजन पर रोक लगा दी हो, लेकिन प्राचीन परंपराओं को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान का परंपरागत तरीके से निर्वहन हो रहा है। विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में श्रावण मास के पहले दिन रविवार की सुबह पुजारी कृष्णदेव बाबा ने मंदिर परिसर स्थित सभी मंदिरों के कपाट खोले। सभी मंदिरों की साफ सफाई एवं रात्रि के पूजन अपशिष्ट को हटाने के बाद उन्हें जल से धोया गया। पुजारी ने प्रात: कालीन पुरोहित पूजा की। रविवार की दोपहर एक बजे पुजारी दोपहर की विश्राम पूजा सह श्रृंगारी पूजा कराई। वहीं रात्रि में भी बाबा बासुकीनाथ का श्रृंगार किया गया। मौके पर बाबा बासुकीनाथ के अलावा माता पार्वती, माता काली, शीतला माता, शत्रु संहारिणी बगलामुखी माता, आनंद भैरव व मंदिर में पूजा की गई।

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