सुविधा नदारद, नगर परिषद के नए कर का विरोध

नगर परिषद के नियम के खिलाफ गुरुवार को शहर में ई-रिक्शा चालक सड़क पर उतर गए। चालको

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 12:02 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 12:02 AM (IST)
सुविधा नदारद, नगर परिषद के नए कर का विरोध
सुविधा नदारद, नगर परिषद के नए कर का विरोध

नगर परिषद के नियम के खिलाफ गुरुवार को शहर में ई-रिक्शा चालक सड़क पर उतर गए। चालकों ने एक दिसंबर से रोजाना दस रुपये शुल्क लिये जाने का विरोध जताते हुए नगर परिषद चौक के समीप सभी वाहनों को खड़ा कर दिया। करीब तीन घंटे तक परिचालन बंद रहा। कार्यपालक पदाधिकारी से आश्वासन मिलने के बाद दोपहर एक बजे सभी चालकों ने परिचालन शुरू किया।

नगर परिषद ने बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव लाकर ई रिक्शा चालकों से रोज शुल्क के रूप में दस रुपये लेने का निर्णय लिया। इसके लिए बाकायदा आठ लाख की डाक भी की गई। बुधवार से नगर परिषद ने पैसा लेना भी शुरू कर दिया। गुरुवार को ई-रिक्शा चालक संघ के सदस्यों ने कर की वसूली का विरोध किया। करीब सौ चालकों ने नगर परिषद चौक में वाहनों को खड़ा कर दिया। दूसरे वाहन को आने जाने दिया गया। संघ के अध्यक्ष मोहम्मद सनी का कहना था कि नगर परिषद दस रुपये लेती है और रेलवे स्टेशन जाने पर वहां भी दस रुपये लिया जाता है। दिन रात काम करने के बाद मुश्किल से दो सौ रुपये बचते हैं, उसमें भी वाहन की किस्त जमा करनी पड़ती है। बीस रुपये इसी तरह से कर के रूप में देंगे तो उनके पास क्या बचेगा। किसी भी हाल में कर नहीं दिया जाएगा। अगर नगर परिषद मनमानी करेगी तो वाहन को खड़ा कर विरोध किया जाएगा।

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बिना सुविधा कर वसूली

नगर परिषद ने बिना तैयारी के ही कर वसूलना शुरू कर दिया। उसके पास यह भी आंकड़ा नहीं है कि शहर में कितने वाहन चलते हैं। किसी का नंबर तक दर्ज नहीं किया गया। चालकों का कहना था कि अगर कर लागू ही करना था तो पहले पड़ाव की व्यवस्था की जाती। जहां जगह मिलती है, वहां वाहन खड़ा कर यात्री का इंतजार करना पड़ता है। रूट तक तय नहीं किया गया। ऐसे में, जो चालक एक बार कर देगा, उस पर दोबारा देने के लिए दबाव नहीं दिया जाएगा। कर वसूलने वाले मनमानी करते हैं, जब कोई व्यवस्था ही नहीं है तो कर किस बात का लिया जा रहा है।

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पदाधिकारी के इंतजार में तीन घंटे परिचालन बंद

सुबह करीब दस बजे बड़ी संख्या में चालक वाहन लेकर नगर परिषद पहुंच गए। कार्यपालक पदाधिकारी गंगाराम ठाकुर से मिलने का प्रयास किया तो पता चला कि वे गांधी मैदान में हैं। जब चालक वहां गए तो पता चला कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में बैठे हैं। जब चालक वहां पहुंचे तो कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि यह मामला नगर परिषद का है, इसलिए वहां ही बैठकर बात होगी। उन्होंने सभी को नगर परिषद बुलाया। पदाधिकारी की वजह से तीन घंटे तक वाहनों का परिचालन बंद रहा।

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अब नगर परिषद बोर्ड की बैठक में फैसला

संघ के सदस्यों ने कार्यपालक पदाधिकारी को बताया कि किसी भी हाल में रोज दस रुपये नहीं दिया जाएगा। साल में तीन सौ रुपये देने के लिए तैयार हैं। इस पर कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि चालकों की दोनों मांग को बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। सदस्यों की सहमति से ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

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