दुमका के तीन शिक्षकों का नाम राष्ट्रीय पुरस्कार को भेजा गया मुख्यालय

राजीव दुमका कोविड-19 संक्रमण के दौर में भी छात्रों को तालिम देने की ललक और अभिनव प्रयो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:47 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:47 PM (IST)
दुमका के तीन शिक्षकों का नाम राष्ट्रीय पुरस्कार को भेजा गया मुख्यालय
दुमका के तीन शिक्षकों का नाम राष्ट्रीय पुरस्कार को भेजा गया मुख्यालय

राजीव, दुमका : कोविड-19 संक्रमण के दौर में भी छात्रों को तालिम देने की ललक और अभिनव प्रयोग कर बच्चों को शिक्षा देने वाले दुमका जिले के तीन शिक्षकों का नाम राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए भेज दिया गया है। जिला स्तर पर आवेदन करने वाले 10 शिक्षकों में से तीन शिक्षकों का चयन कर राज्य मुख्यालय को भेजा गया है। जिन तीन शिक्षकों का नाम राज्य मुख्यालय को भेजा गया है कि उनमें दुमका सदर प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय बनकाठी के प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह गांधी, जरमुंडी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डूमरथर के प्रधानाध्यापक डा.सपन कुमार एवं मसलिया प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय गम्हरिया के सहायक शिक्षक उज्जवल कुमार ठाकुर हैं।

मन की बात में पीएम मोदी कर चुके हैं सराहना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में झारखंड की उपराजधानी दुमका के उन तीन शिक्षकों के प्रयासों की सराहना कर चुके हैं जिन्होंने कोरोना काल के दौरान सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षादान दिया। प्रधानमंत्री ने दुमका सदर प्रखंड के बनकाठी के प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह गांधी, जरमुंडी प्रखंड के आदिवासी बाहुल्य डुमरथर गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक डा.सपन कुमार एवं इन स्कूलों के शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की थी। लाकडाउन में पेड़ पर भोंपू लगाकर बच्चों दी तालिम

जब कोविड-19 के कारण दुनिया में लाकडाउन था तब दुमका सदर प्रखंड के बनकाठी उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह गांधी अपने स्कूल के बच्चों को गांव के पेड़ व अन्य ऊंचे स्थानों पर भोंपू लगाकर पढ़ाने की पहल की। बाद में इस गांव की तमाम दीवारों को रंगवा कर इसे किताब का शक्ल दे दी। दीवारों पर सचित्र पाठ्यक्रम टंकित करवा दी। श्याम किशोर का यह प्रयास अभिभावकों को खूब रास आई।

दीवारों को ही बना दिया ब्लैक बोर्ड

उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरथर के भी बच्चे लाकडाउन में पढ़ाई कर रहे थे। इस क्षेत्र में अभिभावकों के पास स्मार्ट मोबाइल नहीं रहने के कारण बच्चों को आनलाइन पढ़ाना संभव नहीं था। इस परिस्थिति में डुमरथर विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ.सपन कुमार ने अपने शिक्षकों की टीम के अलावा ग्रामीण, अभिभावक और प्रबंधन समिति के साथ लगातार बैठक की इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि गांव के सभी दीवारों को ब्लैक बोर्ड बना दिया जाए। फिर देखते ही देखते डुमरथर विद्यालय के आसपास तीन जगहों पर 200 से अधिक ब्लैक बोर्ड बच्चों के लिए बना दिया गया।

आइटी फ्रेंडली माहौल बनाने की पहल

मसलिया के गम्हरिया मध्य विद्यालय के सहायक शिक्षक उज्जवल कुमार ठाकुर यूट्यूब के सहारे बच्चों के बीच शिक्षा का प्रसार किया। विज्ञान की पढ़ाई को सहज बनाकर बच्चों के बीच ले गए ताकि लाकडाउन के दौरान बच्चों को पढ़ना उबाऊ नहीं लगे। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा का रहस्य, ज्वायफूल बुक और निर्मल उपहार की रचना की है। इसके अलावा उज्जवल कुमार ठाकुर की उपलब्धियों में 2012 में उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार, वर्ष 2018 में मयूराक्षी साहित्य सम्मान व 2020 में सर्वोदय साहित्य सम्मान शामिल है। छात्रों के बीच लोकप्रिय उज्जवल भले ही जीव विज्ञान के शिक्षक हैं लेकिन उन्होंने क्विज, चित्रांकन, भाषण जैसे आयामों में करीब 100 विद्यार्थियों को बड़े -बड़े मंच तक पहुंचाने में सफलता हासिल की। उज्जवल कुमार ठाकुर को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए चयनित किए जाने पर उनके पिता श्याम सुंदर ठाकुर, माता जादू देवी एवं पत्नी सविता देवी प्रसन्न हैं।

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राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए जिला स्तर पर नामित किया जाना सुखद पल है। यह सकारात्मक प्रयासों का नतीजा है जो शिक्षकों का छात्र के प्रति कर्तव्यबोध का एहसास करता है।

श्याम किशोर सिंह गांधी, प्रधानाध्यापक उत्क्रमित मध्यम विद्यालय बनकाठी, दुमका

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लाकडाउन के दौरान बच्चों को शिक्षा देने के लिए किए गए प्रयासों को बल मिला है। यह प्रयास शिक्षकों को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। भविष्य में भी ऐसा प्रयास जारी रहेगा। राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए जिला स्तर पर नामित होना सुखद है।

डा.सपन पत्रलेख, प्रधानाध्यापक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय डूमरथर, जरमुंडी

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बच्चों की शिक्षा सबसे अहम है। खासकर लाकडाउन में बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है। इमानदारी से प्रयास किए हैं और यह जारी है। नाम चयनित होना निसंदेह हर्ष का विषय है।

उज्जवल कुमार ठाकुर, सहायक शिक्षक, गम्हरिया मध्य विद्यालय, मसलिया

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