दो की जान लेने वाला हाथी फिर लौटा

संवाद सहयोगी काठीकुंड(दुमका) शिकारीपाड़ा और गोपीकांदर में 20 दिन पूर्व दो महिलाओ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 06:24 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 08:04 AM (IST)
दो की जान लेने वाला हाथी फिर लौटा
दो की जान लेने वाला हाथी फिर लौटा

संवाद सहयोगी, काठीकुंड(दुमका) : शिकारीपाड़ा और गोपीकांदर में 20 दिन पूर्व दो महिलाओं की जान लेने वाला जंगली हाथी बुधवार को फिर दुमका लौट आया। मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह उसे काठीकुंड में विचरण करते देखा गया। यह हाथी दोपहर तक तेलियाचाक बाजार पंचायत के धनियापहाड़ी के खैरबीर जंगल में डेरा डाले हुए था। जंगली हाथी के धमक से ग्रामीण इलाके में भय का माहौल है। वन विभाग की टीम लोगों को सर्तक करने में जुटी है।

20 अप्रैल को झुंड से बिछड़े जंगली हाथी ने शिकारीपाड़ा के बड़घटा गांव में एक घर में हमला कर मेला सोरेन नामक महिला को मौत के घाट उतार दिया जबकि मरियम नामक महिला ने भागकर जा बचाई। इसके बाद 23 अप्रैल को गोपीकांदर के चिरूडीह के जंगल में पत्ता बीनने गई 60 साल की नाचोन मुर्मू को पटक पटक मार डाला। दो की जान लेने के बाद जंगली हाथी पाकुड़ की ओर निकल गया। मंगलवार की उसे पिडरी, चकमुहा, रतनपुर, कैरासोल जंगली इलाके में देखा गया। डर के कारण ग्रामीण भय से सारी रात पहरा देते रहे। हालांकि, हाथी ने इस बार किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। बुधवार की सुबह उसे खैरबीर गांव के जंगल में घूमते देखा गया। हाथी आने की खबर प्रखंड क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। ग्रामीणों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं रात को किसी गांव में हमला नहीं कर दें। लोग हाथी की हर हरकत पर नजर रख रहे थे। यह हाथी रात के समय ही घर पर हमला करता है और सुबह होने पर जंगल में जाकर छिप जाता है। इधर वन विभाग के अधिकारी जंगली हाथी पर नजर रखते हुए उसे क्षेत्र से सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं। वन विभाग के कर्मी साकेत कश्यप ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के साथ आगाह किया जा रहा है। सभी को हिदायत दी गई है कोई भी जंगल में नहीं जाए। रात में भी सतर्क रहने को कहा गया है। हाथी को बिना नुकसान पहुंचाए प्रखंड से सुरक्षित इलाकों की ओर भगाने का प्रयास किया जा रहा है।

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