सामूहिक प्रयास से पुश्तैनी तालाब बना खासबांध

जामा प्रखंड के आसनसोल कुरुवा पंचायत में बसा है बहिगा गांव। इसकी अधिकांश आबादी खेती पर नि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 04:20 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 04:20 PM (IST)
सामूहिक प्रयास से पुश्तैनी तालाब बना खासबांध
सामूहिक प्रयास से पुश्तैनी तालाब बना खासबांध

जामा प्रखंड के आसनसोल कुरुवा पंचायत में बसा है बहिगा गांव। इसकी अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर। इसी बहिगा गांव में सात बीघा में फैला है एक पुश्तैनी और खास जमीन पर बना तालाब है। गांव के लोग इसे खास बांध के नाम से पुकारते हैं। तकरीबन 30 से 40 मंडल समुदाय के रैयतों की जमीन के अलावा खास जमीन पर फैले इस तालाब पर पूरे गांव के ग्रामीणों का इस पर समान अधिकार है। गांव के ग्रामीण बड़े ही सहज भाव से कहते हैं कि जमाबंधी और खास जमीन को मिलाकर इस तालाब का दायरा बड़ा किया गया है। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से ही खास बांध में जल संचयन की जिम्मेवारी तय किए हैं। वर्ष 2001 में जिला परिषद से मात्र 2.50 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कराया गया था लेकिन गांव के ग्रामीणों की सामूहिक प्रयास का नतीजा है कि तालाब जिदा ही नहीं बल्कि पानी से लबालब भरा रहता है। यही कारण है कि गांव में हरियाली के साथ नीली क्रांति से ग्रामीण खुशहाल हैं। ग्रामीण पानी का मोल समझते हैं और यही कारण है कि वर्षा जल बर्बाद नहीं होने देते हैं। तालाब स्वच्छ रहे इसके लिए भी सामूहिक स्तर पर समय-समय पर इसकी साफ-सफाई की जाती है।

तालाब के चारों और बड़े-बड़े वृक्ष और बांस के पौधे लगे हैं जिसकी छांव में ग्रामीण काफी राहत महसूस करते हैं।

-------------------- क्या कहते हैं ग्रामीण

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गांव में घटते जलस्तर से ग्रामीण परेशानी में थे। कुआं, चापाकल सूखने लगे थे। तब सामूहिक प्रयास से गांव के तालाब

को सालों भर के लिए उपयोगी बनाने का निर्णय लिया गया। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है कि आज तालाब ही नहीं गांव भी आबाद है।

निवास मंडल, ग्रामीण, बहिगा

--------- सात बीघा में फैले खास बांध तालाब से अब सिचाई के साथ सामूहिक तौर पर मत्स्यपालन भी हो रहा है। तालाब पानी से भरा रहे इसके लिए गांव के ग्रामीण सतत चितनशील रहते हैं। बूंद-बूंद पानी का मोल ग्रामीणों की जेहन में है।

कालेश्वर मंडल, ग्रामीण, बहिगा

-------------------- तालाब के जीर्णोद्धार व आकार बढ़ने से खेतों से बहने वाला पानी का संचयन तालाब में ही होता है। तालाब का पानी रबी फसलों की सिचाई के काम आती है। बरसात के दिनों में तो इस तालाब की खूबसूरती देखने लायक होती है।

शुभम कुमार, ग्रामीण बहिगा

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