1.42 करोड़ की ठगी में दो को पीआर बांड पर छोड़ा

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से 28 अक्टूबर को फर्जी कंपनी के खाते में ट्रांसफर किए गए 1.42 करोड़ रुपये के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को पूछताछ के बाद थाने से बांड पर छोड़ दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:36 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:36 PM (IST)
1.42 करोड़ की ठगी में दो को पीआर बांड पर छोड़ा
1.42 करोड़ की ठगी में दो को पीआर बांड पर छोड़ा

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से 28 अक्टूबर को फर्जी कंपनी के खाते में ट्रांसफर किए गए 1.42 करोड़ के मामले में पकड़ने और छोड़ने का सिलसिला चल रहा है। करीब दस दिन तक थाने में रखने के बाद पुलिस ने नवादा निवासी रंजन सिंह व उसके एक दोस्त को पीआर बांड पर छोड़ दिया। पुलिस अब तक आधा दर्जन लोगों को इसी तरह से छोड़ चुकी है। रंजय के खाते में ही 54 लाख रुपये आए थे।

दरअसल, विभाग को रामगढ़ में पुल का निर्माण कराने वाली एबीसी कंपनी को 1.42 करोड़ का भुगतान करना था। इसके लिए 28 अक्टूबर को कोषागार को भुगतान के लिए सारे विपत्र के साथ हार्ड कापी भी गई। उसी शाम आनलाइन ओटीपी बदलकर सारा भुगतान गुड़गांव की जेबी कंपनी को कर दिया गया। आठ नंबर को संवेदक से शिकायत के बाद विभाग ने मामले की जांच कराई और नौ नवंबर को विभाग के ही लेखापाल पंकज वर्मा ने नगर थाना में मामला दर्ज कराया। दस दिन की पूछताछ के बाद पुलिस ने पंकज और विभाग के कंप्यूटर आपरेटर पवन गुप्ता को जेल भेज दिया। अनुसंधान में पता चला कि फर्जी कंपनी के मालिक राजेश सिंह ने 54 लाख रुपये नवादा में रहने वाले भाई रंजन के खाते में डाल दिया, जिसमें उसने 20 लाख की निकासी कर ली। पुलिस ने दस दिन पहले रंजन को बुलाया। उसके बाद उसके एक दोस्त को भी थाना लाकर पूछताछ की। कई दिन से चल रही पूछताछ के बाद जब पुलिस को सुराग नहीं मिला तो शुक्रवार को दोनों को पीआर बांड पर छोड़ दिया। हालांकि, रंजन का बैंक खाता फ्रीज है।

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