20 करोड़ से होगा आउटडोर स्टेडियम का कायाकल्प
शहर के बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम का 20 करोड़ रुपये से कायाकल्प होगा। किस तरह से काम करवाना है इसके लिए मंगलवार को उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा और अभियंताओं की पूरी टीम के साथ स्टेडियम का निरीक्षण किया।
जागरण संवाददाता, दुमका: शहर के बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम का 20 करोड़ रुपये से कायाकल्प होगा। किस तरह से काम करवाना है, इसके लिए मंगलवार को उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा और अभियंताओं की पूरी टीम के साथ स्टेडियम का निरीक्षण किया।
दरअसल नगर विकास विभाग ने नगर परिषद को चार स्टेडियम यज्ञ मैदान, गांधी मैदान, एटीम ग्राउंड और बिरसा आउटडोर स्टेडियम का कायाकल्प करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा। आउटडोर स्टेडियम नगर परिषद के क्षेत्र में नहीं आता है। इसलिए नगर परिषद ने उपायुक्त को सारी स्थिति से अवगत कराया। उपायुक्त ने निरीक्षण करने के बाद नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गंगाराम ठाकुर से कहा कि बीस करोड़ में स्टेडियम देखने लायक हो सकता है। इतना पैसा नगर निगम खर्च कर सकता है। इस पर गंगाराम ने उपायुक्त से कहा कि अगर नगर विकास विभाग के सचिव चाहेंगे तो विभाग काम कराने के लिए सक्षम है। उपायुक्त को यह भी बताया कि अप्रैल 13 में यहां पर हुए दीक्षांत समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शिरकत की थी। इस पर उपायुक्त ने उस दौरान की तैयारी का भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। उपायुक्त ने कहा कि स्टेडियम को विकसित करने के लिए ही निरीक्षण किया गया है। फुटबाल के अलावा और भी ट्रेक बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है। सभी विभाग के सहयोग से आउटडोर स्टेडियम को भव्य बनाया जाएगा। डीपीआर में कुछ परिवर्तन तो नहीं करना है, इसके लिए टीम के सदस्यों का साथ जायजा लिया है।
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जर्जर भवन से शिफ्ट होंगे एक सौ छात्र
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने स्टेडियम परिसर में जर्जर आदिवासी छात्रावास में रह रहे बच्चों से बात की। छात्रों ने बताया कि सभी एसपी कालेज के छात्र हैं। अभी एक सौ अधिक छात्र रह रहे हैं। अगर दूसरा भवन उपलब्ध करा दिया जाता है तो सभी छात्रावास खाली कर देंगे। छात्रों ने बताया कि वर्ष आठ में ही छात्रावास को जर्जर घोषित किया जा चुका है। इस पर उपायुक्त ने आइटीडीए निदेशक राजेश राय से कहा कि छात्रावास में रहने वाले सभी छात्रों की सूची तैयार कर सात दिन के अंदर सभी को लीचीबगान में बने छात्रावास में शिफ्ट किया जाए और भवन को गिराया जाए।