तबादले के 78 दिन बाद भी जमे पदाधिकारी से वापस लिए गए सभी चार पद

तबादले के लगभग 78 दिन के बाद बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ एनडीसी जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग और सरैयाहाट के सीओ पर पद पर जमे राहुलजी आनंदजी से आखिरकार उनके सभी प्रभार वापस ले लिए गए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:05 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:05 PM (IST)
तबादले के 78 दिन बाद भी जमे पदाधिकारी से वापस लिए गए सभी चार पद
तबादले के 78 दिन बाद भी जमे पदाधिकारी से वापस लिए गए सभी चार पद

जागरण संवाददाता, दुमका: तबादले के लगभग 78 दिन के बाद बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ एनडीसी, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग और सरैयाहाट के सीओ पर पद पर जमे राहुलजी आनंदजी से आखिरकार उनके सभी प्रभार वापस ले लिए गए। नगर विकास विभाग के निर्देश पर उपायुक्त राजेश्वरी ने गुरुवार को आदेश जारी कर दूसरे अधिकारियों को पदभार लेने का निर्देश दिया है। जरमुंडी के सीओ राजकुमार प्रसाद को बासुकीनाथ मंदिर का प्रभारी बनाया गया है।

उपायुक्त की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उप निर्वाचन पदाधिकारी अशोक कुमार दास जिला नजारत के साथ सामाजिक सुरक्षा कोषांग देखेंगे। सरैयाहाट के बीडीओ दयानंद जायसवाल सीओ के प्रभार में रहेंगे। वहीं जरमुंडी के सीओ राजकुमार दास बासुकीनाथ मंदिर के प्रभार में रहेंगे। पहले इन सभी पदों पर राहुल आनंद बने हुए थे।

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गंगाराम ठाकुर ने नगर विकास विभाग के सचिव से लेकर उपायुक्त तक को पत्र लिखा था कि अधिकारियों का एक वर्ग राहुलजी आनंदजी को दुमका जिले में ही रखना चाहता है। यही कारण है कि उन्हें आनन-फानन में दूसरे पद पर रहते हुए भी ऑक्सीजन का नोडल प्रभारी बना दिया गया, ताकि कोविड के बहाने उन्हें रोके रखा जा सके। इतना ही नहीं, उन्हें सरैयाहाट सीओ का भी प्रभार दे दिया गया, जबकि पूर्व से वह एनडीसी के प्रभार में थे। बासुकीनाथ नगर पंचायत और दुमका नगर परिषद में पदस्थापित कार्यपालक पदाधिकारी राहुलजी आनंदजी का तबादला सरकार ने 25 मार्च को कर दिया था। अधिसूचना के मुताबिक उन्हें हजारीबाग नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त के पद पर स्थानांतरित किया गया था। तीन मई को उन्होंने गंगाराम ठाकुर को दुमका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार सौंपा और बासुकीनाथ कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार 10 दिन बाद लेने का आग्रह किया। 10 दिन बाद जब गंगाराम ठाकुर प्रभार लेने बासुकीनाथ पहुंचे तो राहुलजी वहां नहीं थे। फोन पर उन्होंने बताया कि मां की बीमारी के कारण वह तत्काल प्रभार देने में असमर्थ हैं। जब गंगाराम ठाकुर दूसरी बार प्रभार लेने के लिए बासुकीनाथ पहुंचे तो भी राहुलजी इसके लिए तैयार नहीं हुए, जिसपर ठाकुर ने विभागीय सचिव के अलावा जिले के उपायुक्त को भी इसकी सूचना दी। सूचना के दो माह बीत जाने के बावजूद राहुलजी आनंदजी पद पर जमे थे।

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