बासुकीनाथ के दरबार में सप्तमी पर माता दुर्गा की विशेष पूजा
भगवान भोलेनाथ की पावन नगरी बासुकीनाथ में चैत्र नवरात्र के अवसर पर सोमवार को सप्तमी तिथि पर माता दुर्गा की विशेष पूजा हुई। मंदिर में भोलेनाथ के जयकारे के बीच माता भगवती के वैदिक श्लोक भी कानों में अमृत घोल रहे हैं।
संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: भगवान भोलेनाथ की पावन नगरी बासुकीनाथ में चैत्र नवरात्र के अवसर पर सोमवार को सप्तमी तिथि पर माता दुर्गा की विशेष पूजा हुई। मंदिर में भोलेनाथ के जयकारे के बीच माता भगवती के वैदिक श्लोक भी कानों में अमृत घोल रहे हैं।
विश्व प्रसिद्ध शिवधाम में शक्ति के उपासकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। बासुकीनाथ मंदिर परिसर के पूर्वी गेट पर स्थित प्राचीन हवन कुंड में आदिकाल से नवरात्र में माता भगवती की कलश स्थापना कर पूजा-अर्चना करने की परंपरा रही है। सोमवार को माता के सातवें स्वरूप की पूजा हुई। पंडित संतोष झा, पंडित प्रेम शंकर झा, मनोज झा, पप्पू झा, रामजी झा, चन्दन झा, उज्ज्वल झा सहित अन्य वंशजों द्वारा नवरात्र में कलश स्थापना की परंपरा अनवरत निभाई जा रही है।
रानीश्वर में भी पूजा: इधर, रानीश्वर में प्रणवानंद सेवा मिशन पाटजोड़ के आश्रम में पुरोहित ने मां के सातवें स्वरूप की पूजा की। वीरभूम जिले के संस्कृत के पंडित सह सेवानिवृत्त अध्यापक जीवन मुखर्जी, प्रधान पुरोहित व संजय घोषाल पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चारण किया। स्वामी चरणानंद के साथ आश्रम के आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने उपवास रखकर पुष्पांजलि अर्पित की। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड की गाइडलाइन का पालन कर पूजा मंडप में श्रद्धालुओं ने दूरी बनाकर रखी। गुरुवार को दशमी पूजा के पश्चात में मंदिर के समीप तालाब में मां की प्रतिमा का विसर्जन होगा।
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शिव की नगरी में उमड़ी शक्ति के साधकों की भीड़
संस, बासुकीनाथ: भगवान भोलेनाथ की नगरी में इन दिनों चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर शक्ति के साधकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सोमवार को माता के सातवें स्वरूप की पूजा करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक कि निर्धारित अवधि में अरघा के माध्यम से हजारों भक्तों ने पूजा अर्चना की। दूर दराज से पूजा करने के लिए आने वाले भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। इसके अलावा जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के हरिपुर, रायकिनारी, सहारा, बासुकीनाथ दुर्गा मंदिर सहित दर्जनों अन्य गांव में भी चैत्र दुर्गा पूजा की तैयारी पूर्ण हो गई है। देर शाम माता की प्रतिमा विभिन्न मंदिरों में धूमधाम से मेड़ पर विराजमान की गई।