विशेष सत्र बुलाकर काले कानून को वापस ले केंद्र
केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिल को वापस लेने के लिए सोमवार को राजद व अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्यों ने समाहरणालय परिसर में धरना दिया और उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, दुमका: केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिल को वापस लेने के लिए सोमवार को राजद व अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्यों ने समाहरणालय परिसर में धरना दिया और उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।
धरना को संबोधित करते हुए राजद जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए और कृषि बिल को अविलंब रद करे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए तीन नए कृषि बिल पारित कर एमएसपी को समाप्त कर दिया है। ऐसे समय में किसानों को एकजुट होकर आंदोलन करने की आवश्यकता है, नहीं तो यह कानून उन्हें अंबानी और अडानी का गुलाम बना देगी। सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है। सरकार की संवेदनशीलता समाप्त हो गई है। कानून को जबतक सरकार वापस नहीं लिया जाता है तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा।
धरना को जितेश कुमार दास, प्रमोद पंडित, सुशील कुमार राय, लक्ष्मण पासवान, अदिति नंदन, जयदेव गोराई, धनपत राय, रामसुंदर पंडित व छत्तीस महतो ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला महामंत्री गौतम कुमार दास ने समर्थकों के साथ राजद की सदस्यता ग्रहण की।
इधर किसान सभा के संयुक्त सचिव एहतेशाम अहमद ने कहा कि मोदी सरकार ने पांच जून को तीन बिलों का अध्यादेश जारी कर लागू कर दिया। कृषि राज्य का विषय है और इस पर राज्य सरकारों की सलाह तक नहीं ली गई। तीन माह से किसान आंदोलित हैं। वे अब दिल्ली कूच कर चुके हैं। कहा कि बिजली संशोधन को वापस, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश को लागू करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान की गारंटी लेने के साथ लैंपस व पैक्स से धान की खरीद सुनिश्चित की जाए। धरना में ऊषा कुमारी, दिनेश्वर देहरी, देवी सिंह पहाड़िया, अखिलेश झा, हरदेव राय, चांदमुनि देवी, सुभाष मंडल, भुंडा बास्की व बाबूलाल राय आदि शामिल थे।