प्राथमिकी दर्ज होती तो ट्रक लेकर नहीं भागते

प्राथमिकी दर्ज होती तो नहीं भागते ट्रक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 05:02 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 05:02 PM (IST)
प्राथमिकी दर्ज होती तो ट्रक लेकर नहीं भागते
प्राथमिकी दर्ज होती तो ट्रक लेकर नहीं भागते

संवाद सहयोगी, शिकारीपाड़ा : जिला प्रशासन के अधिकारियों की उदासीनता की वजह से ही जब्त 42 ट्रकों को उनके चालक व मालिक लेकर फरार हो गए थे। पुलिस ने रोकने की कोशिश भी की लेकिन मालिकों की संख्या अधिक होने के कारण वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सकी। ट्रकों की निगरानी में तैनात 14 जवानों से धक्का मुक्की करने के बाद ही चालक गाड़ी लेकर भागे। यह बात सोमवार को डीएसपी विजय कुमार की जांच के दौरान सामने आयी। डीएसपी ने होटल के दो मालिक समेत पुलिस के 14 लोगों का बयान दर्ज किया।

जांच में पता चला कि डीटीओ विनय मनीष व सीओ अमृता केशरी ने जोड़ा होटल में खड़े वाहनों को जब्त कर उनका नंबर नोट किया और नंबर की सूची होटल मालिक को देकर निगरानी का जिम्मा दिया। किसी ने प्राथमिकी दर्ज कराने की आवश्यकता महसूस नहीं की।

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पुलिस से धक्का मुक्की कर गाड़ी लेकर भागे मालिक :

पांच जुलाई की रात पीएसआइ विश्वजीत कुमार व एएसआइ भीम सेन महतो एक दर्जन जवानों के साथ होटल पहुंचे। सभी जवानों के हाथ में डंडा था। रात करीब एक बजे पीएसआइ ने फोन कर थाना को बताया कि बारिश हो रही है और ट्रक के चालक व मालिक पुलिस बल के साथ मारपीट करने पर उतारू हैं। मारपीट व धमकी दे रहे हैं। थोड़ी देर बाद एक साथ 42 ट्रक के चालक वाहन लेकर भागने लगे। होटल के मालिक सुचान दास, दिलीप ठाकुर व पुलिस के पदाधिकारियों ने रोकने का प्रयास किया तो चालक कुर्सी आदि पर गाड़ी चढ़ाते हुए भाग निकले। प्राथमिकी दर्ज न होने के कारण पुलिस के हाथ बंध गए थे। अगर प्राथमिकी दर्ज हो जाती तो पुलिस समय पर कठोर कदम उठा सकती थी।

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किसने बयान में क्या कहा

जोड़ा होटल के दो मालिक दिलीप ठाकुर व सुचान दास ने डीएसपी को बताया कि वाहन जब्त करने के बाद उनकी सुरक्षा से साफ मना कर दिया था। इसके बाद भी पदाधिकारी वाहनों के नंबर की सूची देकर चले गए और सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। रात को चालक एकजुट हुए और गाड़ी लेकर भागने लगे।

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