साप्ताहिक पूर्ण लॉकडाउन का शहर में दिखा असर, गलियां रही गुलजार
जागरण संवाददाता दुमका रविवार को संपूर्ण साप्ताहिक लॉकडाउन का ग्रामीण इलाकों की तु
जागरण संवाददाता, दुमका : रविवार को संपूर्ण साप्ताहिक लॉकडाउन का ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहर में अधिक असर देखा गया। यहां पर प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता के कारण दुकानें बंद रही, लेकिन मुहल्लों की गलियों में हर दिन की तरह रौनक दिखी। दुकानदार आराम से दुकान खोलकर सामान की बिक्री करते रहे। प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश सिन्हा व सीओ यामुन रविदास ने शहर का भ्रमण करने वालों को पूछताछ के बाद खदेड़ा।
संपूर्ण साप्ताहिक लॉकडाउन की वजह से सुबह से ही शहरी क्षेत्रों में पूरी तरह से सन्नाटा छाया रहा। दवा दुकानों को छोड़कर बाकी सभी दुकानों का शटर गिरा रहा। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा। गलियों की हर दुकानें पहले की तरह गुलजार रही। डंगालपाड़ा में कई लोग दुकान खोलकर सामान बेचते रहे। सड़कों पर आने जाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं दिखी। लोग आराम से वाहनों से घूमते रहे। किसी को कार्रवाई का डर नहीं था। दस बजे तक लोगों की आवाजाही लगी रही। दोपहर 11 बजे बीडीओ राजेश सिन्हा व सीओ ने शहर का भ्रमण किया। टीन बाजार समेत कई चौक चौराहों में खड़े होकर बाइक सवारों को रोका और उनसे बाहर निकलने का कारण पूछा। संतोष जनक जवाब नहीं मिलने पर सभी को चेतावनी देकर घर भेजा गया । उनके जाने के बाद जवानों ने मोर्चा संभाला और आने जाने वालों को रोककर पूछताछ की। गांधी मैदान के आसपास मांसाहार की बिक्री पर लॉकडाउन का असर कम रहा। ग्रामीण इलाकों में कमोबेश ऐसा ही हाल रहा। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की वजह से लोगों ने खोलने के बाद फिर से दुकानों के शटर गिरा दिए।
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दुकान खोलकर सीसीटीवी से रखते रहे नजर
शहर के बंदरजोड़ी से लेकर हवाई अड्डे तक दुकानें पहले की तरह खुली रहीं। अधिकांश दुकानदार आधी दुकान खोलकर ग्राहकों को सामान देते रहे। इतना ही नहीं दुकानदारी के साथ सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों पर नजर भी रखते रहे। लगातार बाहर आकर यह देखते रहे कि कोई अधिकारी तो नहीं आ रहा है। हर दुकान के बाहर लोग बैठकर ग्राहकों को बुलाकर सामान देते रहे। -------------------
सुबह शाम की सैर पर नहीं पड़ा असर
रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन में किसी को बिना ठोस वजह के घर से बाहर निकलने की सख्त मनाही थी। इसके बाद भी लोग सुबह आठ बजे तक आराम से टहलते रहे। इतना ही नहीं शाम को भी सैर पर निकलने वालों पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा। रोज की तरह लोग परिवार के साथ घूमते रहे। भीड़ को देखकर एक बार भी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि जिले में संपूर्ण लॉकडाउन है।